हीरा बाजार और टैक्सटाइल मार्केट में पहले से काम नहीं है, ऐसे में नई व्यवस्थाओं के बाद अब इसके मिजाज को समझने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही हीरा कारखानों को 14 जुलाई से खोले जाने पर सहमति बनी थी। उससे पहले हीरा कारखानों के लिए अलग से एसओपी जारी होनी है। पहले दिन हीरा उद्यमियों को नई एसओपी का भी इंतजार रहेगा। इसीलिए सप्ताह का पहला दिन दोनों ट्रेड के कारोबारियों के लिए खासा अहम हो गया है। पहले दिन कामकाज के ढर्रे को देखकर ही हफ्तेभर के कारोबार की दशा-दिशा तय होगी।