पानी-ड्रेनेज या किसी अन्य वजह के कारण कहीं कोई दिक्कत आई तो उसकी जानकारी पूरे शहर को रहती है, लेकिन समाधान की कोई खबर लोगों तक नहीं पहुंचती। अधिकारियों को लगता है कि कई बार मनपा के खिलाफ दुष्प्रचार के मामले भी सामने आते रहे हैं।
इन सब को काउंटर करने के लिए मनपा टीम सोशल मीडिया पर प्रोपेगंडा कर अपना पक्ष रखेगी। इसके तहत विभिन्न विभागों की ओर से कराए जा रहे कामों ही नहीं लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण की सूचनाएं भी सोशल मीडिया पर शेयर की जाएंगी। मनपा की ब्रैंडिंग के लिए भी सोशल मीडिया का सहारा लिया जाएगा।
असहज स्थितियों का करना पड़ा है सामना पूर्व में ऐसे कई मौके आए हैं जब मनपा प्रशासन को असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा है। विभिन्न वजहों से अधिकारियों के अपडेट नहीं होने के कारण मुश्किल स्थितियों में मामले को समझने में दिक्कत हुई है। इससे कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी अधिकारियों को अपना पक्ष रखने में मुश्किल पेश आई है। सोशल मीडिया पर इन चीजों को रखने के बाद स्थिति काफी हद तक साफ हो जाएगी और एक-दूसरे के विभाग की स्थिति को लेकर अधिकारी भी अपडेट रहेंगे।
कंसलटेंट तय करेगा प्रारूप सोशल मीडिया पर मनपा की मौजूदगी का प्रारूप कंसलटेंट तय करेगा। इस पर करीब 60 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। इस मामले को लेकर मंगलवार को हुई बैठक में चर्चा की गई। बताया गया कि इसके लिए टैंडरिंग हो चुकी है। कंसलटेंट को अपनी जरूरतें समझाकर इस दिशा में काम करने को कहा जाएगा।