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सूरत

धरती को बचाने के लिए क्या है एजेंडा?

इस तरह आगे बढेगी यूएन की मुहिम, कोलकाता से साइकिल पर देश नापने निकले मेयर सूरत पहुंचे, सूरती मिजाज समझा, अनुभव भी साझा किए

सूरतJan 17, 2020 / 09:26 pm

विनीत शर्मा

धरती को बचाने के लिए क्या है एजेंडा?

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सूरत. नॉन मोटर्ड व्हीकल को प्रमोट करने के संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के प्रयासों को गति देने के लिए कोलकाता से साइकिल पर निकले बाइसिकल मेयर कोलकाता सौरभ चटोपाध्याय शुक्रवार को सूरत पहुंचे। उन्होंने सूरत की सडक़ों पर साइकिलिंग करने के साथ ही शहर के बाइसिकल मेयर से मुलाकात की और साइकिलिंग को लेकर सूरती मिजाज को समझा। उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किए।
संयुक्त राष्ट्र दुनियाभर में नॉन मोटर्ड व्हीकल को प्रमोट करने के लिए विभिन्न स्तर पर अभियान चला रहा है। इसके लिए 2035 तक का वक्त तय किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के इस अभियान के लिए भारत ने भी अपनी प्रतिबद्धता जताई है। सूरत भी अपनी ओर से इस दिशा में काम कर रहा है। कोलकाता के बाइसिकल मेयर सौरभ इसी मिशन को लेकर देश नापने के लिए साइकिल पर निकले हैं। अपनी यात्रा के 33वें दिन शुक्रवार को वह सूरत पहुंचे। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान होते हुए वह गुजरात पहुंचे। इस दौरान मोटर्ड वाहनों पर जा रहे लोगों से बातचीत हुई तो पता चला कि ऐसी छोटी दूरियां जो साइकिल पर तय की जा सकती हैं, लोग इसके लिए मोटर्ड वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब यात्रा शुरू की थी, देश में माहौल तंग बताया जा रहा था। उस वक्त मानवता बचाने की मुहिम के साथ यात्रा पर निकले। बाहर निकले तो पता चला कि लोगों में मानवीयता वह तत्व है, जो देश को एक सूत्र में पिरोता है। इस दौरान विभिन्न संस्कृतियों को भी समझने का मौका मिला। हर प्रदेश ही नहीं, हर शहर की जो लोकल पल्स होती है, वह भी समझने का अवसर मिला। उन्होंने इस दौरान लोगों से धर्म की बेडिय़ां तोडक़र अपनी पहचान को सर्वव्यापी बनाने की अपील की।
84 दिन में नापेंगे 84 सौ किमी
अपनी यात्रा के दौरान सौरभ 84 दिना में करीब साढ़े 84 सौ किमी का सफर तय करेंगे। इस दौरान देश को नजदीक से समझने का मौका मिलेगा। साथ ही लोगों को यह बता पाएंगे कि जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के साथ हम अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर कर पाएंगे। उनकी कोशिश रहेगी कि लोगों को समझा पाएं कि बेहतर भविष्य के लिए छोटी दूरी को साइकिल से नापने का प्रयास करें।
प्रोजेक्ट रिसाइकल पर चर्चा

सूरत के बाइसिकल मेयर सुनील जैन ने प्रोजेक्ट रिसाइकल पर काम शुरू किया है। सौरभ के साथ उन्होंने इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की। गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को मोटर्ड व्हीकल से साइकिल पर शिफ्ट करने के साथ ही इस्तेमाल से बाहर हो चुकी साइकिलों को दुरुस्त कर दोबारा सडक़ पर उतारने और उनका इस्तेमाल करने पर फोकस किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए चुना गया है। वर्ष २०२० में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय मेयर काउंसिल मेें इसका प्रजेंटेशन दिया जाएगा। रिसर्च स्टडी के बाद प्रोजेक्ट को दुनिया के दूसरे शहरों में लागू करने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। प्रोजेक्ट के सूरत में असर पर भी चर्चा की जाएगी।
50 बाइ 30 को हासिल करने पर फोकस

बाइसिकल कैपिटल के रूप में पहचान बना चुके नीदरलैंड की संस्था बीवाइसीएस संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स 2030 पर काम कर रही है। इसका लक्ष्य 50 बाइ 30 है। इसका मतलब 2030 तक आधी आबादी को साइकिल के इस्तेमाल पर लाना है। इसके तहत भारत के विभिन्न शहरों समेत दुनियाभर के कई शहरों में बाइसिकल मेयर की नियुक्ति की गई है। इनका काम लोगों को साइकिल से जोडक़र यूएन की प्रतिबद्धताओं को पूरा करना है। सूरत में सुनील जैन तो कोलकाता में सौरभ चटोपाध्याय को यह जिम्मेदारी दी गई है।

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