scriptIncome Tax: किसानों के आक्रोश को देखा तो अधिकारियों ने की समझाइश बैठक | When the farmers saw the anger, the officials held a meeting | Patrika News

Income Tax: किसानों के आक्रोश को देखा तो अधिकारियों ने की समझाइश बैठक

locationसूरतPublished: Mar 14, 2020 06:16:24 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

भरुच एवं नर्मदा जिले के 1600 से ज्यादा किसानों को आयकर विभाग की ओर से जारी नोटिस से किसानों में रोष
बैठक में कोई विशेष निर्णय किसान हित में नहीं लिया गया
More than 1600 farmers of Bharuch and Narmada districts get angry with farmers due to notice issued by Income Tax Department
No special decision was taken in the meeting in the interest of farmers

Income Tax Department

Income Tax Department

भरुच. भरुच एवं नर्मदा जिले के 1600 से ज्यादा किसानों को आयकर विभाग की ओर से जारी नोटिस से किसानों में रोष व्याप्त है। कुछ समय पहले किसानों की ओर से आयकर कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया गया था। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर गुरुवार को वड़ोदरा से आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भरुच आए और भरुच सहकारी बैंक के सभागार में किसान नेताओं के साथ काफी देर तक बैठक की। इसके बाद भी बैठक में कोई विशेष निर्णय किसान हित में नहीं लिया गया।
सभा में आक्रोश व्यक्त करते हुए किसानों ने कहा कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने सारे कानून को ताक पर रखकर रात के समय किसानों को नोटिस थमाया है। ऐसी स्थिति में किसानों ने अपने आक्रोश पर अंकुश रखकर आयकर विभाग के भरुच कार्यालय में गुहार लगाई थी, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई।
बैठक में भरुच जिला किसान समाज के प्रमुख महेन्द्र करमरिया ने कहा कि नोटिस से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आयक र विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से किसानों की समस्या का जल्द हल निकालने के लिए अपील की गई, जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्वासन दिया। आयकर विभाग के साथ आयोजित बैठक में भरुच और नर्मदा जिले के किसानों के अलावा किसान नेता व गांधी विचारक बद्रीभाई जोशी, सहकारिता नेता संदीप मांगरोला आदि उपस्थित रहे।

मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं किसान
भरुच जिला कांग्रेस के प्रमुख परिमल सिंह रना ने कहा कि आयकर विभाग के नोटिस किसानों के प्रति अन्याय ही है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान को इस तरह के नोटिस भेजकर मानसिक रूप से परेशान करने का कार्य विभाग की ओर से किया जा रहा है।

नोटिस विवाद को लेकर नहीं हुआ निर्णय
आयकर विभाग की ओर से जारी की गई नोटिस को एक माह बीत गया व उस समय किसानों की ओर से कई बार विभाग में गुहार लगाई गई, लेकिन अभी तक किसानों की समस्या का समाधान विभाग की ओर से नहीं किया जा सका। उधर, आयकर विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट कह दिया कि नोटिस का जवाब तो देना ही होगा।

किसानों ने कहा- रुपया गड्ढे में डालेंगे
किसानों की ओर से बापा दादा की जमीनों को बेच दिए जाने से जो किसान कर्ज में डूबे हैं, उनकी ओर तब तो कोई ध्यान नहीं दिया गया और अब जब जमीन बेचकर हासिल किया गया रुपया बैंक में जमा करने गए तो आयकर विभाग का ध्यान गया। किसानों ने कहा कि अब पहले की तरह रुपयों को जमीन में गाड़ दिया जाएगा। अब वैसे ही प्राचीन काल के दिन एक बार फिर से आ गए हंै।
जवाब देना ही होगा:
बैठक में वड़ोदरा से आए आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रणंजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि जिन किसानों को नोटिस मिले हैं, उन्हें नोटिस का जवाब तो देना ही पड़ेगा। किसान को अगर अंगे्रजी भाषा में मिले नोटिस समझ में नहीं आते हंै तो उसका भाषांतर कराकर उसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग में पूरी प्रकिया पारदर्शी है। किसानों को नोटिस पूरे आधार के साथ दिया गया है। बैंकों से हुए लेनदेन के आधार को भी ध्यान में रखा गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो