मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं किसान
भरुच जिला कांग्रेस के प्रमुख परिमल सिंह रना ने कहा कि आयकर विभाग के नोटिस किसानों के प्रति अन्याय ही है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान को इस तरह के नोटिस भेजकर मानसिक रूप से परेशान करने का कार्य विभाग की ओर से किया जा रहा है।
नोटिस विवाद को लेकर नहीं हुआ निर्णय
आयकर विभाग की ओर से जारी की गई नोटिस को एक माह बीत गया व उस समय किसानों की ओर से कई बार विभाग में गुहार लगाई गई, लेकिन अभी तक किसानों की समस्या का समाधान विभाग की ओर से नहीं किया जा सका। उधर, आयकर विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट कह दिया कि नोटिस का जवाब तो देना ही होगा।
किसानों ने कहा- रुपया गड्ढे में डालेंगे
किसानों की ओर से बापा दादा की जमीनों को बेच दिए जाने से जो किसान कर्ज में डूबे हैं, उनकी ओर तब तो कोई ध्यान नहीं दिया गया और अब जब जमीन बेचकर हासिल किया गया रुपया बैंक में जमा करने गए तो आयकर विभाग का ध्यान गया। किसानों ने कहा कि अब पहले की तरह रुपयों को जमीन में गाड़ दिया जाएगा। अब वैसे ही प्राचीन काल के दिन एक बार फिर से आ गए हंै।
बैठक में वड़ोदरा से आए आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रणंजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि जिन किसानों को नोटिस मिले हैं, उन्हें नोटिस का जवाब तो देना ही पड़ेगा। किसान को अगर अंगे्रजी भाषा में मिले नोटिस समझ में नहीं आते हंै तो उसका भाषांतर कराकर उसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग में पूरी प्रकिया पारदर्शी है। किसानों को नोटिस पूरे आधार के साथ दिया गया है। बैंकों से हुए लेनदेन के आधार को भी ध्यान में रखा गया है।