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पुलिस अस्पताल ले गई तो कार्यकर्ता वापस ले आए

locationसूरतPublished: Feb 22, 2019 12:24:22 am

अल्पेश कथीरिया की जमानत के लिए अनशन पर बैठे धार्मिक मालविया और निकुंज काकडिया की तबीयत बिगड़ती देख गुरुवार सुबह पुलिस उन्हें जबरन…

When the police took to the hospital, the workers returned

When the police took to the hospital, the workers returned

सूरत।अल्पेश कथीरिया की जमानत के लिए अनशन पर बैठे धार्मिक मालविया और निकुंज काकडिया की तबीयत बिगड़ती देख गुरुवार सुबह पुलिस उन्हें जबरन अस्पताल ले गई। उन्होंने धरना स्थल पर ही उपचार की व्यवस्था की मांग की थी। पुलिस उन्हें स्मीमेर अस्पताल ले गई। वहां से उन्हें न्यू सिविल अस्पताल रैफर कर दिया गया। पुलिस द्वारा उन्हें अस्पताल छोडऩे के कुछ समय बाद पास कार्यकर्ता उन्हें किसी निजी अस्पताल ले गए और वापस धरना स्थल पर ले आए। अहमदाबाद से रेशमा पटेल और एसपीजी के कई कार्यकर्ता दोनों से मिलने धरना स्थल पर पहुंचे।

हार्दिक पटेल ने पत्र लिख कर शुक्रवार को धरना स्थल पर आने के बारे में बताया। उल्लेखनीय है कि पिछले दस दिन से अनशन पर बैठे धार्मिक और निकुंज की तबीयत बिगडऩे पर बुधवार को कलक्टर और डीसीपी ने उनसे मुलाकात की थी तथा अस्पताल में भर्ती होने की अपील की थी।

दामाद ने पीठ पर किया पंप से वार, ससुर की जान गई

सगरामपुरा में क्षेत्रपाल मंदिर के निकट फुटपाथ पर दामाद और पुत्री के विवाद में बीच-बचाव करने गए एक श्रमिक को जान से हाथ धोने पड़े। पुलिस के मुताबिक क्षेत्रपाल मंदिर के निकट दिहाड़ी मजदूरी करने वाले दिनेश वासकुंडा का सोमवार रात पत्नी रूपा के साथ विवाद हो गया था। उसने रूपा को पीटना शुरू कर दिया। कडोदरा निवासी रूपा के पिता नटु वासकुंडा ने बीच-बचाव का प्रयास किया तो दिनेश ने लोहे के पंप से उसकी पीठ पर वार कर दिया। उसे गहरी अंदरूनी चोट लगी। उपचार के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई। घटना के संबंध में अठवा लाइंस पुलिस ने नंदु की पत्नी चंदा की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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