हजारों लोगों की कतार इतनी लंबी हुई कि इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ हर गली मौहल्ले में नजर आई। अवसर था गणपति विसर्जन। शहर से 400 गणपति की मूर्तियां एक साथ गांधी चौक से रवाना हुई। मीलों लंबी कतार लग गई। यह कतार शहर के मुख्य बाजार से होते हुए आगे बढ़ी तो सारा शहर मानो एक बार थम गया। चारों तरफ गणेश ही गणेश और गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे।
उड़ते फूल,अबीर और गुलाल के संग थिरकते लोगों का जोश अपने आप में उत्साह की चरम सीमा बता रहा था। रंगों से पुते हुए चेहरों पर आस्था की चमक साफ नजर आ रही थी। शहर के गांधीचौक से यह कारवां रवाना हुआ और मुख्य स्टेशन रोड़, अहिंसा सर्किल, किसान बोर्डिंग, कलेक्ट्रेट, जैसलमेर रोड,सर्किट हाऊस होते हुए जसदेर तालाब पहुंचा।
यहां मूर्तियों का विसर्जन किया गया। जसदेर तालाब पर भी आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा और यहां मेले सा माहौल नजर आया। गणपति विसर्जन कर भक्तों की टोलियां लौटी तो शहर में एक बार फिर आस्था का माहौल नजर आया।