सूत्रों के मुताबिक नवसारी में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने के कारण गांधीनगर के आला अधिकारी कुछ दिनों से सूरत में ही रहकर तैयारियां कर रहे थे। गांधीनगर से स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मनोज अग्रवाल शुक्रवार दोपहर तीन बजे न्यू सिविल अस्पताल निरीक्षण के लिए पहुंचे। मनोज अग्रवाल ने किडनी अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर होने वाले कामकाज की जानकारी ली। मेडिकल कॉलेज कॉन्फ्रेंस हॉल में अग्रवाल ने कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों एवं सीनियर चिकित्सकों के साथ बैठक की। न्यू सिविल अस्पताल के वार्ड बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है और उसको गिराकर नई बिल्डिंग बनाने पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने नॉन सर्जिकल वार्डों को स्टेम सेल बिल्डिंग में शिफ्ट करने का सुझाव दिया। इसमें मेडिसिन, रिस्परेटरी मेडिसिन, पिड्याट्रिक, मानसिक रोग, स्किन समेत कुछ विभागों के वार्ड स्टेम सेल में शिफ्ट किए जा सकते हैं। दूसरी तरफ पहले से ही किडनी बिल्डिंग में मेडिसिन विभाग के मरीजों के लिए वार्ड शुरू किया गया है। बिल्डिंग के पिछले हिस्से में ट्रोमा सेंटर शुरू किया गया है।
बैठक के बाद मनोज अग्रवाल करीब पौने पांच बजे अस्पताल से एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। इसके बाद मेडिकल एज्युकेशन एंड रिसर्च के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. राघवेन्द्र दीक्षित ने स्टेम सेल बिल्डिंग का दौरा किया। गौरतलब है कि न्यू सिविल अस्पताल की बिल्डिंग काफी पुरानी होने के कारण नई बिल्डिंग का निर्माण जल्द शुरू किया जाना है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सूरत मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। यहां करीब 250 मेडिकल छात्रों के लिए लेक्चर रूम समेत अन्य सुविधाएं हैं।