टू-व्हीलर पर स्कूल आने वाले ज्यादातर विद्यार्थी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते। कई गलत दिशा में वाहन चलाते नजर आए तो कई तीन सवारियों के साथ कैमरे में कैद हुए।
कई विद्यार्थी वाहनों पर मौज-मस्ती करते दिखाई दिए। कई तेज रफतार से वाहन चला रहे थे। जब कोई विद्यार्थी सड़क दुर्घटना का शिकार होता है तो अभिभावक प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन खुद अभिभावक छोटी उम्र के बच्चों को वाहन सौंप रहे हैं।
18 साल से भी कम उम्र के विद्यार्थी बगैर हेलमेट और लाइसेंस के फर्राटे से सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे हैं। टू-व्हीलर पर स्कूल आने वालों में 11वीं और 12वीं के अलावा छोटी कक्षाओं के विद्यार्थी भी शामिल हैं। 12वीं कक्षा वालों के पास भी लाइसेंस नहीं है।
राज्य सरकार ने स्कूल आने-जाने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। दुर्घटना से विद्यार्थियों को सुरक्षित रखने के लिए टू-व्हीलर पर आते विद्यार्थी के पास अनिवार्य रूप से लाइसेंस होना चाहिए और हेलमेट पहनना भी अनिवार्य है।
शहर की स्कूलों में खुलेआम इन नियमों का उल्लंघन हो रहा है। राजस्थान पत्रिका ने पड़ताल की तो टू-व्हीलर पर स्कूल आने-जाने वाले सभी विद्यार्थी बिना हेलमेट नजर आए।
आरटीओ नियम के अनुसार मोपेड हो या गियर वाली मोटर साइकिल, सभी वाहन चालक के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। सड़कों पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक भी बेपरवाह है।