वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय से हर साल लाखों विद्यार्थी पास होते हैं। विश्वविद्यालय के 22 संकायों में 100 से भी अधिक डिग्री पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जा रही है। सभी संकाय और डिग्री में सेमेस्टर प्रणाली लागू है, इसलिए हर छह माह में विद्यार्थियों को परिणाम की मार्कशीट दी जाती है। हर साल 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को विभिन्न डिग्रियों से सम्मानित किया जाता है। इसके लिए प्रति छह माह लाखों मार्कशीट व हजारों डिग्री छपवानी पड़ती है। मार्कशीट एवं डिग्री छापने का काम अहमदाबाद की एक निजी कंपनी को सौंपा गया है।
पिछले चार साल से एक ही कंपनी पर मेहरबानी पूर्व कुलपति डॉ.दक्षेश ठाकर के कार्यकाल में अहमदाबाद स्थित सूर्या ऑफसेट एंड सिक्यूरिटी प्रिन्टर्स को चार साल पहले मार्कशीट और डिग्री छापने का काम सौंपा गया था। इसके बाद लगातार चार सालों से इसी कंपनी को यह काम सौंपा जा रहा है। इस काम का वीएनएसजीयू हर साल कंपनी को लाखों रुपए का भुगतान करती है। सिंडीकेट सदस्य भावेश रबारी ने आरोप लगाया है कि पिछले चार सालों से इस कंपनी को बिना उचित प्रक्रिया के यह काम सौंपा जा रहा है, जो नियम के खिलाफ है।
नियम का उल्लंघन
सरकारी और अनुदानित विश्वविद्यालय, महाविद्यालय व विद्यालय में किसी भी तरह का काम सौंपना हो तो ठेके की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है। जहां लाखों रुपए के खर्च का मामला हो वहां ठेके की प्रक्रिया की जाती है। विश्वविद्यालय की सिंडीकेट ने भी नियम बनाया है कि लाखों के कार्य को बिना ठेके की प्रक्रिया को सौंपा नहीं जाएगा। डॉ. दक्षेश ठाकर के कार्यकाल में भी नियम का उल्लंघन होने का आरोप लगा था। इस मामले में भावेश ने राज्यपाल से शिकायत कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सरकारी और अनुदानित विश्वविद्यालय, महाविद्यालय व विद्यालय में किसी भी तरह का काम सौंपना हो तो ठेके की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है। जहां लाखों रुपए के खर्च का मामला हो वहां ठेके की प्रक्रिया की जाती है। विश्वविद्यालय की सिंडीकेट ने भी नियम बनाया है कि लाखों के कार्य को बिना ठेके की प्रक्रिया को सौंपा नहीं जाएगा। डॉ. दक्षेश ठाकर के कार्यकाल में भी नियम का उल्लंघन होने का आरोप लगा था। इस मामले में भावेश ने राज्यपाल से शिकायत कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जांच का विषय
विश्वविद्यालय द्वारा मार्कशीट और डिग्री छापने का काम ठेके से दिया गया है या नहीं, इसके बारे में जानकारी नहीं है। यह जांच का विषय है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
ए.वी.धडुक, कार्यकारी कुलसचिव, वीएनएसजीयू
विश्वविद्यालय द्वारा मार्कशीट और डिग्री छापने का काम ठेके से दिया गया है या नहीं, इसके बारे में जानकारी नहीं है। यह जांच का विषय है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
ए.वी.धडुक, कार्यकारी कुलसचिव, वीएनएसजीयू