हालांकि आग किस पदार्थ के साथ क्या मिलने से भडक़ी थी, इसको लेकर फोरेन्सिक टीम द्वारा पृथककरण किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट कुछ दिन बाद पुलिस को मिलेगी। फोरेन्सिक विभाग ने अपनी रिर्पोट में मौके से लिए गए सैम्पलों के आधार पर बताया है कि बस में व्यावसायिक पार्सल मौजूद थे। जिनमें हीरे साफ करने का लिक्विड, सेनेटाइजर, हेयर सीरम व हाईड्रोक्लोरिक एसिड भी था। इनकी कुछ बोतलें फूटी हुई भी मिली है। ये चारों केमिकल बेस्ड अत्यंत ज्वलनशील पदार्थ हैं।
जिनका पृथककरण कर आग लगने की सही कारण का पता लगाया जा रहा है। शॉर्ट सर्किट की संभावना की भी जांच की गई, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। मामले की जांच कर रहे कापोद्रा थाने के पुलिस उपनिरीक्षक अजय खोट ने बताया कि प्राथमिक रिपोर्ट मिली है। अभी फोरेन्सिक टीम की फाइनल रिपोर्ट नहीं मिली है। इसलिए फिलहाल किसी को नामजद नहीं किया गया है। फाइनल रिपोर्ट मिलने पर हादसे के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
यह था मामला :
वराछा इलाके के कापोद्रा हीराबाग में गत मंगलवार रात राजधानी ट्रेवल्स की बस सिंगणपोर इलाके से भावनगर जाने के लिए रवाना हुई थी। चलती बस के पिछले हिस्से से धुंआ उठा। चालक ने बस रोकी और एक मिनट के भीतर ही फ्लैश फायर के साथ आग भड़क गई। लोगों में चर्चा थी कि धमाके के साथ आग लगी। यह देख अधिकतर यात्री बाहर निकल गए।
पिछले स्लीपर में सवार रताल कैम्पस भावनगर निवासी विशाल नवलानी (32) भी किसी तरह से खिडक़ी से बाहर कूद गए, लेकिन उसकी पत्नी तान्या (30) नहीं निकल पाई। वह तेजी से फैली आग में घिर गई और खिडक़ी से हाथ निकाल कर मदद के चीख पुकार मचाती रही। लोगों की तमाम कोशिशों के बावजूद देखते ही देखते जिंदा जल गई थी और जली हुई देह खिड़की के बाहर गिर पड़ी।
बाद में दोनों को स्मीमेर अस्पातल पहुंचाया। जहां तान्या को मृत घोषित किया गया। मुंह के बल गिरे विशाल के जबड़े और चेहरे पर भी गंभीर चोट आई थी।
परिवहन और रखरखाव में हो रही कोताही :
हीराबाग में एक महिला की जिंदा जलने से हुई दर्दनाक मौत का कारण भी खतरनाक पदार्थो के परिवहन और रखरखाव में हो रही गंभीर कोताही ही बनी। इससे कुछ ही दिन पहले सचिन जीआइडीसी क्षेत्र में हुई केमिकल वेस्ट का टैंकर एक नाले में खाली करने के दौरान जहरीली गैस की घटना मैं 6 श्रमिकों को अकाल मृत्यु का शिकार होना पड़ा।
यदि प्रशासन ने समय रहते यात्री बसों में ऐसे खतरनाक पदार्थो के परिवहन और बिना विशेषज्ञों की मौजूदगी में अवैध रूप से प्राकृतिक जल स्त्रोतों में हो रहे केमिकल के निस्तारण व प्रभावी रोक नहीं लगाई तो शहर में ऐसे और भी हादसे सामने आ सकते हैं।
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