सूरत

चुनाव में व्यक्तिगत दुश्मनी से बच रहे कार्यकर्ता

अनुशासन में रहकर कर रहे उम्मीदवारों का प्रचार

सूरतApr 18, 2019 / 09:55 pm

Sunil Mishra

चुनाव में व्यक्तिगत दुश्मनी से बच रहे कार्यकर्ता


प्रदीप भावसार/दमण. इस बार के लोकसभा चुनाव में पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है। पिछले चुनावों के अनुभवों से कार्यकर्ताओं और मतदाताओं ने भी बहुत कुछ सीख लिया है। चुनावों में व्यक्तिगत संबंध खराब नहीं होने चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस,भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी प्रचार में जुटे हैं। उनके साथ काफी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी शामिल हैं। चुनाव में किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता दूसरी पार्टी के कार्यकर्ता को अपशब्द कहने एवं जोर जबरदस्ती करने से बच रहे हैं। जिला प्रशासन और चुनाव विभाग भी सख्त है और तुरन्त कार्रवाई होने का भय भी लगा रहता है।
पहले कच्चीगांव के लोग डाभेल में प्रचार करने से डरते थे और डाभेल के लोग कच्चीगांव में जाने से कतराते थे। कांग्रेस के विस्तार में भाजपा कार्यकर्ता और भाजपा के विस्तार में कांग्रेस के कार्यकर्ता को भय रहता था। प्रचार के समय पुलिस भी रहती थी। परन्तु अब इसमें बदलाव हुुआ है। कांग्रेस प्रत्याशी केतन पटेल के डाभेल विस्तार में भाजपा प्रत्याशी लालूभाई पटेल और लालूभाई पटेल के कच्चीगांव विस्तार में केतन पटेल एवं उनके समर्थक निर्भीक होकर प्रचार करते हैं।
 

 

प्रचार सामग्री पर होता था झगड़ा
पिछले चुनावों में किसी के घर अथवा गाड़ी पर प्रचार सामग्री को लेकर झगड़ा होता था। उस व्यक्ति ने उस पार्टी का झंडा क्यों लगाया है अपने विस्तार में उस प्रत्याशी का नाम नहीं चाहिए आदि बातें अब बंद हो गई हंै।
भाविक
युवा जोश से नहीं अब होश से काम करते हैं
पिछले चुनाव में युवा जोश से काम करते थे और अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए जी-जान लगा देते थे। छोटी-छोटी बात पर एक पार्टी से दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मारपीट तक कर लेते थे। परन्तु इस चुनाव में बदलाव आया है। युवाओं को अपना भविष्य बनाना है और वह पार्टी या प्रत्याशी के लिए व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं लेते हैं। बातचीत के जरिए ही काम चलाते हंै।
रमेश
अभी तक चुनाव को लेकर एक भी मामला दर्ज नहीं
लोकसभा चुनाव में अनेक रैलियां और ग्रुप बैठकें हो चुकी हैं। चुनाव को लेकर अभी तक अपशब्द, गाली-गलौज, धमकी या मारपीट जैसा एक भी मामला दर्ज नहीं है। इस बार अच्छे तरीके से चुनाव हो रहा है और लोग लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ते हैं।
सोहिल जीवानी, थाना प्रभारी
कार्यकर्ता दुश्मनी से बचें
चुनाव के समय पार्टी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी जाती है कि अपनी पार्टी एवं प्रत्याशी का विजन मतदाताओं के समझ रखें। फ्री में चिकन बिरयानी की ओर ध्यान नहीं देकर अच्छा काम करना चाहिए। भाषण के दौैरान आरोप- प्रत्यारोप के चक्कर में नहीं पड़ें। डिजिटल मीडिया के दौर में मतदाता सोच समझ कर ही मतदान करता है। कार्यकर्ता व्यक्तिगत टिप्पणी करके चुनावी दुश्मनी लेने से बचें।
खुर्शीद मांजरा, कांग्रेस महासचिव
सभी शांति से कर रहे प्रचार
इस लोकसभा चुनाव में सभी शांति से प्रचार कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा जाता है कि वह किसी पर निजी टिप्पणी नहीं करें। विकास पर सकारात्मक तरीके से प्रचार करें
मजीत लघानी, भाजपा प्रवक्ता
किसी को अपशब्द नहीं निकालते
चुनाव के समय कार्यकर्ता सोच समझ कर बोलते हैं और किसी को अपशब्द नहीं निकालते हैं। आचार-संहिता उल्लंघन से बचने के लिए सभी प्रयास करते हैं। चुनाव में व्यक्तिगत लेकर नहीं चलते हैं।
उमेश पटेल,निर्दलीय प्रत्याशी

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