महिलाओं के अकेले घुमक्कड़ी travelling पर निकलने का कॉन्सेप्ट करीब तीन दशक पहले आया था। बीते 10-12 साल मेंं इसका ग्राफ बढ़ा है। जानकारों के मुताबिक आने वाले एक-डेढ़ दशक में यह तेजी से बढ़ता दिखेगा। ट्रेड एक्सपट्र्स के मुताबिक, अभी कॉरपोरेट वर्ल्ड और सेल्फ डिपेंड महिलाएं ही अकेले या फिर को-वर्किंग महिलाओं और सखियों के साथ टूर प्लान कर रही हैं। इनमें अधिकांश का फोकस ग्लोबल वल्र्ड की जगह डॉमेस्टिक पर ज्यादा है। सूरत की महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं। ट्रैवल इंडस्ट्री हाईटेक हो रही। महिलाओं के ग्रुप्स ने भी ऐसे टूर्स की जानकारी जुटा रहे हैं। पैन इंडिया में महिला ट्रैवलर्स की हिस्सेदारी अभी दस फीसदी भी नहीं है, लेकिन आने वाले सालों में यह बढक़र 30 से 40 फीसदी हो जाएगी।
क्लब दे रहे टैलरमेड फैसिलिटी महिला पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई क्लब टूर प्लान पर काम कर रहे हैं। क्लब अपने सदस्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक टूर प्लान करते हैं। इनकी यूएसपी यह है कि टूर शुरू होने से पूरा होने तक क्लब की महिला सदस्य घुमक्कड़ी के लिए निकली महिलाओं के साथ रहती है। इन क्लब के माध्यम से टूर पर जाने वाली महिलाएं खुद को ज्यादा सहज महसूस करती हैं।
यूएन ने शुरू की मुहिम
यूएन ने शुरू की मुहिम
महिला पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूएन ने भी मुहिम शुरू की है। यूएन चार्टर के मुताबिक साल 2030 तक महिला सशक्तीकरण के साथ ही महिला पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इसके लिए यूएन ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं।
गीतों में भी है घुमक्कड़ी
गीतों में भी है घुमक्कड़ी
1967 मेंं आई अराउंड द वल्र्ड का गीत ‘दुनिया की सैर कर लो…’ एक वक्त घुम्मकड़ों का एंथम बन गया था। घुमक्कडों के लिए यह गीत आज भी मौजू है। पडोसन फिल्म का गीत ‘कोई रोके न मुझे, मैं चली मैं चली…’ सोलो महिला की ट्रैवलिंग का संदेश भले न देता हो, लेकिन भविष्य की आहट जरूर दी थी, जो आज सुनी भी जा रही है।
पुरुषों को देनी होगी आजादी अकेली महिलाओं के पर्यटन पर निकलने के मामले बढ़े हैं। घरेलू महिलाओं को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए। इसके लिए घर के पुरुषों को पीछे रहकर उन्हें सहयोग करना होगा। साथ ही महिलाओं के ग्रुप में या सोलो महिला ट्रैवलर को टूर पर निकलने से पहले सुरक्षा के उपाय भी कर लेने चाहिए।
डॉ. कायनात काजी, ट्रैवल ब्लॉगर
आर्थिक आत्मनिर्भरता जरूरी
डॉ. कायनात काजी, ट्रैवल ब्लॉगर
आर्थिक आत्मनिर्भरता जरूरी
अभी कॉर्पोरेट या फिर कामकाजी महिलाओं के ट्रिप ही अधिक बन रहे हैं। इनसे अलग किसी ग्रुप की डिमांड आती है तो उनके लिए भी विमन ओरियंटिड ट्रैवल क्लब्स स्पेशल प्लान बना रही हैं। अकेले पर्यटन पर निकलने के लिए महिलाओं का आत्मनिर्भर होना जरूरी है।
रश्मि कंवर, ऑपरेशंस एंड मार्केटिंग हैड, विमन ऑन क्लाउड
सूरत में भी आ रही डिमांड
रश्मि कंवर, ऑपरेशंस एंड मार्केटिंग हैड, विमन ऑन क्लाउड
सूरत में भी आ रही डिमांड
सूरत में भी महिलाओं के ग्रुप में टूर पर निकलने की डिमांड आ रही है। इसके लिए ट्रैवल एजेंसियां उनकी जरूरत के मुताबिक टूर प्लान कर रहे हैं।
वीनस शाह, चेयरमैन, टूर्स एंड ट्रैवल्स कमेटी, दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, सूरत
वीनस शाह, चेयरमैन, टूर्स एंड ट्रैवल्स कमेटी, दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, सूरत