युवक, युवतियां, महिलाएं बच्चे सभी बप्पा की मूर्तियां लेते नजर आए। कोई स्कूटर पर तो कोई ऑटो रिक्शा में मूर्तियां घर ले जा रहा था। वहीं, मंडलों के सदस्य भी नाचते गाते श्रीजी को पंडालों तक ले जाते हुए नजर आए। गणपति स्थापना के साथ ही शहर में जगह गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे गूंजने लगे। गणपति की आरती के साथ घरों, गलियों, सोसायटियों और पंडालों में पूजाओं का सिलसिला शुरू हो गया।
मंजूरी लेने का सिलसिला जारी : गणेशोत्सव समिति के अनिल बिस्किटवाला ने बताया कि मंडलों के लिए अब तक करीब 1900 परमिट जारी किए गए हैं। अन्य आवेदनों पर भी विचार चल रहा है। यह आंकड़ा 2500 तक पहुंच सकता है। घरों में स्थापित की जाने वाली मूर्तियों का विसर्जन भी घरों में ही करना होगा। उसके लिए कोई इंतजाम प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है।
भावनाओं का ध्यान रख हो कार्रवाई :
पिछले दिनों गाइड लाइन को लेकर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के सिलसिले में गणेशोत्सव समिति के सदस्य शहर पुलिस आयुक्त अजय तोमर से मिले। उन्होंने पुलिस को गाइड लाइन के उल्लंघन को लेकर मंडलों पर कार्रवाई के दौरान श्रीजी मूर्तियों से जुड़ी लोगों की भावना का ध्यान रखने की अपील की। पुलिस आयुक्त द्वारा भी उन्हें भरोसा दिलाया गया। पुलिस ने सभी मंडलों को कोविड गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने की अपील की है।
मास्क पहन कर मनाएंगे गणेशोत्सव :
मास्क पहन कर मनाएंगे गणेशोत्सव :
अडाजण पाल क्षेत्र की ज्ञान सागर रोहाउस में गणेश भक्तों ने पहले दिन अनुशासित ढंग से मास्क लगा कर एक ही तरह के परिधानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए। मूर्ति स्थापना की उसके बाद आरती कतारबद्ध खड़े होकर की।
दिव्यांगों की शिक्षा के लिए दी राशि :
दिव्यांगों की शिक्षा के लिए दी राशि :
कोरोना के खतरे के चलते इस बार कई मंडलों ने मूर्ति स्थापना नहीं की। अपने अपने घरों में ही श्रीजी की आराधना का निर्णय किया। पिछले करीब 40 वर्षो से गणेशोत्सव मनाने वाले ऐसे ही मंगल गणेश उत्सव मंडल ने इस बार 20 हजार रुपए एकत्र किए। जिन्हें दिव्यांग बच्चों की शाला को उनकी शिक्षा के लिए दान देकर मिशाल पेश की।
201 नारियल से बनाई गणपति की मूर्ति कुछ अलग करने की सोच के साथ एक महिला डॉक्टर ने इस बार 201 नारियल से भगवान की गणेश की अनूठी मूर्ति बनाई है। जिसे डूमस स्थित वीआर माल में स्थापित किया गया है। डॉक्टर अदिति मित्तल ने बताया की हर बार की तरह उसको ऐसा गणपति बनाना था जो बाद में भी काम आ सके। इसके लिए उन्होंने नारियल का फल चुना।
201 नारियल पर कार्विंग करके उनके ऊपर हिन्दू धर्म के प्रतिक चिन्ह एवं देवी-देवताओं की फोटो बनाई। इसको बनाने में कुल पांच दिन लगे। इस अनोखी गणपति की मूर्ति में कोविड के वजह से उत्पन्न हालत के कारण सभी देवी-देवताओं का चित्र बनाया ताकि सभी के समावेश से वातावरण शुद्ध हो एवं महामारी से छुटकारा मिल सके। विसर्जन के पश्चात् सभी नारियल को प्रसाद के रूप में बांटा जायेगा।
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