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बच्चों के सिर पर यमराज का तांडव

locationसूरतPublished: Aug 09, 2018 06:29:03 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

गीतानगर प्राथमिक स्कूल का जर्जर हुआ भवनजोखिम भरे हालात में पढऩे को विवश 280 विद्यार्थीचाहकर भी शिक्षा विभाग नहीं निकाल पा रहा है हल

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बच्चों के सिर पर यमराज का तांडव


राजेश यादव. वापी. वर्ष 1979 में स्थापित गीतानगर प्राथमिक स्कूल का जर्जर भवन कभी भी यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों की जान पर भारी पड़ सकता है। कक्षा एक से पांचवी तक 280 छात्र-छात्राएं जोखिम भरे हालात के बीच यहां पढऩे को मजबूर हैं। जिला पंचायत संचालित इस स्कूल की खराब होती हालत से चिंतित शिक्षा विभाग चाहकर भी हल नहीं निकाल पा रहा है। जिस जगह पर यह स्कूल है वह नगरपालिका की है। स्कूल के नए भवन के निर्माण की मंजूरी वहां से नहीं मिलने से मामला कई साल से अटका है।
जानकारी के अनुसार चार कमरों वाले स्कूल में कक्षा चार से पांचवी के विद्यार्थी सुबह साढ़े सात से साढ़े 12 बजे तक और कक्षा एक से तीन तक के विद्यार्थी साढ़े 12 से पांच बजे तक पढ़ते हैं। आठ शिक्षिक ाएं और प्रिंसिपल इन बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त हैं। पुराने पतरे व सड़कों के ऊंचा होने के कारण हर साल भारी बरसात में कई फीट तक पानी आना सामान्य है। स्टेशन से नजदीक मुख्य रोड से सटे स्कूल में छोटे बच्चों की निगरानी शिक्षकों के लिए बड़ी सजगता का काम है। स्कूल से बाहर निकलते ही पैर सीधे मुख्य सड़क पर ही पड़ता है। स्कूल में सभी छात्र-छात्राएं सामान्य व श्रमिक परिवारों के हैं। सड़क से सटे स्कूल की कंपाउन्ड दीवार तोड़कर एक बार ट्रक भी अंदर घुस गया था। रात को हुई इस घटना में स्कूल को भी नुकसान हुआ था। विद्यार्थियों को हमेशा सड़क से आने जाने वाले वाहनों से भय बना रहता है।
ग्रान्ट भी हो गई वापस
1979 में स्कूल को जिला पंचायत शिक्षा समिति द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन जमीन वापी नपा के हस्तक है। जर्जर हालत में पहुंची स्कूल की जगह 2015 में सात कमरों वाले नए भवन की मंजूरी और ग्रान्ट भी मिली थी। नगरपालिका द्वारा एनओसी नहीं देने से काम शुरू नहीं हुआ और ग्रान्ट भी वापस चली गई। हालांकि नगरपालिका ने मरम्मत की हामी भरी है। कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा स्कूल में समय-समय पर मदद दी जाती है।
दूसरी जगह जमीन भी नहीं मिल रही
जिला शिक्षा समिति ने नगर पालिका से दूसरी जगह भी जमीन मांगी है, लेकिन इस विस्तार में नपा के पास दूसरी जमीन न होने का कारण बताकर मामला टाल दिया जाता रहा है। हालांकि पूर्व में नपा ने एक मंजिला नया स्कूल भवन बनाने के प्रस्ताव पर नीचे का हिस्सा नपा के उपयोग के लिए मांगा था, जिसे शिक्षा विभाग ने नामंजूर कर दिया था। इस बारे में नपा उपाध्यक्ष विट्ठल पटेल ने बताया कि इस विस्तार के ही बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। उसी विस्तार मेंं स्कूल को दे सकें ऐसी जमीन नपा के पास नहीं है।
होती है परेशानी
स्कूल की प्रिंसिपल पन्नाबेन पटेल के अनुसार काफी पुरानें एवं सड़क की सतह से नीचे होने से सबसे ज्यादा परेशानी बरसात में होती है। यहां हर साल पानी भरता है। पुराने पड़ चुके पतरों से पानी भी कई कमरों में टपकता है। उन्होने बताया कि नए स्कूल भवन के लिए नगरपालिका से मंजूरी के लिए कई प्रयास हुए हैं। शिक्षा विभाग और नपा के बीच सहमति नहीं बन पाने से स्कूल के विद्यार्थियों को परेशानी भरे हालात में पढऩा पड़ रहा है।
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