सिलम्बम, पराई और कावड़ी वाद्ययंत्र और संस्कृति से अवगत कराया
उप कलक्टर चार्मी पारेख ने पुडुचेरी सहित गुजरात के युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि पुडुचेरी में जैसे फ्रेज का शासन रहा वैसे ही यहां पुर्तगीज शासन रहा था। दमण दीव में मराठी,गुजराती और स्थानीय लोग मिलकर रहते हैं। पुडुचेरी के युवा दमण के ऐतिहासिक किले, हेरिटेज,एशिया की सबसे पुरानी नगर पालिका अवश्य देखें और स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर एक दूसरे की संस्कृति से परिचित हों। नेहरू युवा केन्द्र से मनीषा शाह और दमण के कॉ-ऑर्डिनेटर अनुपम ने भी 15 दिनों के कार्यक्रम से अवगत कराया। कार्यक्रम में स्थानीय युवाओं ने आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया। पुडुचेरी के युवाओं ने करगाआटम नृत्य प्रस्तुत करते हुए उनके सिलम्बम, पराई और कावड़ी वाद्ययंत्र और संस्कृति से अवगत कराया। पुडुचेरी से आए युवा दमण दीव की स्थानीय भाषा गुजराती और पुर्तगीज सीखने का प्रयास करेंगे। साथ ही यहां का खानपान, व्यंजन एवं पहनावे के बारे में भी जानकारी आदान प्रदान करेंगे। युवा दमण तथा आसपास क्षेत्र का भी दौरा करंेगे।
मेलकिशन ने पराई बजाने की कला से अवगत कराया
एक भारत, श्रेष्ठ भारत अभियान के अंतर्गत पुडुचेरी से आए मेलकिशन ने बताया कि वह पराई अच्छी बजाता है,वहां के परम्परागत वाद्ययंत्र में पराई शामिल है, ढोल बजाने के साथ पराई की आवाज भी महत्व रखती है। पराई बजाने में मेलकिशन को कई पुरस्कार भी मिल चुके हंै। इस कला के बारे में दमण दीव के युवाओं को भी अवगत कराया जाएगा।
उप कलक्टर चार्मी पारेख ने पुडुचेरी सहित गुजरात के युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि पुडुचेरी में जैसे फ्रेज का शासन रहा वैसे ही यहां पुर्तगीज शासन रहा था। दमण दीव में मराठी,गुजराती और स्थानीय लोग मिलकर रहते हैं। पुडुचेरी के युवा दमण के ऐतिहासिक किले, हेरिटेज,एशिया की सबसे पुरानी नगर पालिका अवश्य देखें और स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर एक दूसरे की संस्कृति से परिचित हों। नेहरू युवा केन्द्र से मनीषा शाह और दमण के कॉ-ऑर्डिनेटर अनुपम ने भी 15 दिनों के कार्यक्रम से अवगत कराया। कार्यक्रम में स्थानीय युवाओं ने आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया। पुडुचेरी के युवाओं ने करगाआटम नृत्य प्रस्तुत करते हुए उनके सिलम्बम, पराई और कावड़ी वाद्ययंत्र और संस्कृति से अवगत कराया। पुडुचेरी से आए युवा दमण दीव की स्थानीय भाषा गुजराती और पुर्तगीज सीखने का प्रयास करेंगे। साथ ही यहां का खानपान, व्यंजन एवं पहनावे के बारे में भी जानकारी आदान प्रदान करेंगे। युवा दमण तथा आसपास क्षेत्र का भी दौरा करंेगे।
मेलकिशन ने पराई बजाने की कला से अवगत कराया
एक भारत, श्रेष्ठ भारत अभियान के अंतर्गत पुडुचेरी से आए मेलकिशन ने बताया कि वह पराई अच्छी बजाता है,वहां के परम्परागत वाद्ययंत्र में पराई शामिल है, ढोल बजाने के साथ पराई की आवाज भी महत्व रखती है। पराई बजाने में मेलकिशन को कई पुरस्कार भी मिल चुके हंै। इस कला के बारे में दमण दीव के युवाओं को भी अवगत कराया जाएगा।
करगाआटम नृत्य से पुुडुचेरी की संस्कृति- विजयाभारती
पुडुचेरी से दमण आई विजयाभारती ने बताया कि पुडुचेरी में कई अवसरों पर करगाआटम नृत्य का आयोजन होता ह,ै जिसमें सिलम्बम,कावड़ी,पराई और कलश के साथ नृत्य करते हुए प्राचीन संस्कृति की झलक बताई जाती है। यह कला राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रस्तुत हो चुकी है। दमण की बहनों को यह कला पंसद आएगी और यह सीखने का प्रयास करेगी।
पुडुचेरी से दमण आई विजयाभारती ने बताया कि पुडुचेरी में कई अवसरों पर करगाआटम नृत्य का आयोजन होता ह,ै जिसमें सिलम्बम,कावड़ी,पराई और कलश के साथ नृत्य करते हुए प्राचीन संस्कृति की झलक बताई जाती है। यह कला राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रस्तुत हो चुकी है। दमण की बहनों को यह कला पंसद आएगी और यह सीखने का प्रयास करेगी।