script12 वर्ष बाद फिर होगा श्रवणबेलगोला में होगा भगवान ‘बाहुबली’ का महामस्तकाभिषेक | Bhagwan bahubali mahamastakabhisheka will be after 12 year in shravanb | Patrika News

12 वर्ष बाद फिर होगा श्रवणबेलगोला में होगा भगवान ‘बाहुबली’ का महामस्तकाभिषेक

Published: Jan 21, 2018 04:34:14 pm

दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा को मस्तक के ऊपर से महाभिषेक कराने के लिए जरूरी प्लेटफॉर्म पहली बार जर्मन टेक्नोलॉजी से बनाए गए हैं

shravenbelgola temple

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जैन धर्मावलम्बियों के लिए जीवंत तीर्थ स्थल रहे कर्नाटक के हासन जिले का श्रवणबेलगोला 12 साल के बाद एक बार फिर धर्म और आस्था के साथ-साथ सेवा के अनुपम उदाहरण का गवाह बनने को पूरी तरह तैयार है। यहां गोमतेश्वर भगवान बाहुबली का अगले माह महामस्तकाभिषेक किया जायेगा। जैन धर्मावलम्बियों के लिए ‘महाकुंभ’ समझे जाने वाले महामस्तकाभिषेक 2018 का आयोजन सात फरवरी से 26 फरवरी तक होगा, जिसे सफल बनाने के लिए न केवल 12 टाउनशिप बसाने का काम लगभग पूरा हो चुका है, बल्कि अभिषेक के लिए जर्मनी की प्रौद्योगिकी पर आधारित प्लेटफॉर्म बनाने का काम भी अंतिम चरण में है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले महामस्तकाभिषेक वर्ष 2006 में हुआ था।
इस समारोह के विशेष अधिकारी वराप्रसाद रेड्डी ने बताया कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा को मस्तक के ऊपर से महाभिषेक कराने के लिए जरूरी प्लेटफॉर्म पहली बार जर्मन टेक्नोलॉजी से बनाए गए हैं, इसके लिए वहां से 450 टन सामान गुजरात पोर्ट के जरिये मंगाए गए थे। प्लेटफॉर्म पर एक बार में छह हजार लोग अभिषेक में हिस्सा ले सकेंगे। रेड्डी ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के लिए तीन एलिवेटर्स बने हैं, जिनमें से दो श्रद्धालुओं तथा एक महाभिषेक सामग्री पहुंचाने के लिए होगा।
उन्होंने बताया कि सात फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महामस्तकाभिषेक 2018 का उद्घाटन करेंगे, जबकि आठ से 16 फरवरी को पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, 17 से 25 फरवरी तक गोमतेश भगवान बाहुबली के भव्य विग्रह का महामस्तकाभिषेक किया जायेगा। कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकीर्ति स्वामीजी की देखरेख में आयोजित होने वाले महामस्तकाभिषेक 2018 का समापन 26 फरवरी को होगा। जैन धर्मावलंबियों के इस ‘महाकुम्भ’ में जुटने वाले जैन मुनियों, साध्वियों एवं देश-विदेश से यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 2006 के 25 लाख की तुलना में करीब दोगुनी होगी। इस मौके पर 1037 साल पुरानी इस मूर्ति का दूध, दही, घी, केसर, सोने के सिक्के समेत कई पवित्र वस्तुओं से अभिषेक किया जायेगा।
इस तरह प्रशासन संभालेगा दर्शनार्थियों के सैलाब को
भीड़ को नियंत्रण करने के लिए किये जाने वाले प्रयासों की जानकारी देते हुए विशेष अधिकारी ने बताया कि चप्पे-चप्पे की सुरक्षा और भीड़ को काबू करने के लिए 5500 सुरक्षाकर्मियों और आतंकवाद-निरोधक दस्ते के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के जवान भी तैनात होंगे। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिससे भीड़ को नियंत्रित की जाएगी। श्रद्धालुओं को आयोजन स्थल तक लाने और ले जाने के लिए परिवहन व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
श्रवणबेलगोला प्रशासन ने इसके लिए 400 बसों और 65 मिनी बसों का इंतजाम किया है। इतना ही नहीं, ओला टैक्सी से किराये में कटौती करने के अनुरोध भी किया गया है। इसके अलावा, 500 बाइक तथा 23 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। रेलवे ने हाल ही में निकट में एक स्टेशन भी शुरू किया है, जिस पर अब रेलगाड़ियां रुकने लगी हैं। हेलीकॉप्टर सुविधा भी शुरू होगी, इसके लिए पवन हंस कंपनी से सम्पर्क किया गया है।
300 करोड़ रुपए का होगा खर्चा
इस महामस्तकाभिषेक के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए कर्नाटक सरकार ने अब तक 175 करोड़ आवंटित किये हैं, जबकि इस पर कुल 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 2006 में करीब 120 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ठहरने के लिए 12 टाउनशिप बसाये गये हैं, जिस पद 75 करोड़ खर्च आया है। संतों के लिए त्यागी नगर बसाया गया है। विभिन्न राज्यों के श्रद्धालुओं को उनके मनमाफिक व्यंजन खिलाने के लिए 17 महाकिचन तैयार किये गये हैं। उन्होंने बताया कि 20 दिन के इस महामस्तकाभिषेक 2018 में एडवेंचर खेल के आयोजन की भी व्यवस्था की गई है।
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