scriptहर रोज बड़ी हो जाती है गणेशजी की यह मूर्ति | Kanipakkam Chittur ganpati temple: Lord Ganesha idol increases its size daily, says devotee in | Patrika News

हर रोज बड़ी हो जाती है गणेशजी की यह मूर्ति

Published: Mar 12, 2015 03:26:00 pm

आंध्रप्रदेश के चित्तूर में एक नदी के बीचों-बीच बने इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान है

भगवान गणपति के चमत्कारों की कई कहानियां पुराणों में प्रसिद्ध हैं। परन्तु उनके चमत्कार आज भी देखे जा सकते हैं इन्हीं में एक चमत्कार चित्तूर का कनिपक्कम गणपति मंदिर भी है। भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर कई कारणों से अपने आप में अनूठा और अद्भुत है।

आंध्रप्रदेश के चित्तूर में एक नदी के बीचों-बीच बने इस मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान है। बताया जाता है कि यह प्रतिमा काले प्रस्तर की बनी हुई है। प्रचलित मान्यता के अनुसार यहां आने वाले भक्तों के कष्टों को भगवान गणपति तुरंत दूर करते हैं।

अदभुत है मंदिर बनने की कहानी

लोकमान्यताओं के अनुसार काफी पहले यहां तीन भाई रहा करते थे। इनमें एक अंधा, दूसरा गूंगा तथा तीसरा बहरा था। तीनों अपनी खेती के लिए कुआं खोद रहे थे कि उन्हें एक पत्थर दिखाई दिया। कुएं को और गहरा खोदने के लिए जैसे ही पत्थर को हटाया वहां से खून की धारा फूट पड़ी। देखते ही देखते कुएं में लाल रंग का पानी भर गया लेकिन इसी के साथ तीनों एक चमत्कार भी हुआ। वहां पर उन्हें गणेशजी की एक प्रतिमा दिखाई दी जिसके दर्शन करते ही तीनों भाईयों की अपंगता तुरंत सही हो गई।

जल्दी ही यह बात जंगल में आग की तरह पूरे गांव में फैल गई और दूर-दूर से लोग उस प्रतिमा के दर्शनार्थ आने लगे। काफी विचार-विमर्श के बाद उस प्रतिमा को उसी स्थान पर स्थापित किया गया। इसके बाद वहां 11वीं सदी के चोल राजा कुलोतुंग चोल प्रथम ने मंदिर की स्थापना की।

मंदिर है अपने आप में खास

यहां दर्शन करने वाले भक्तों का मानना है कि मंदिर में मौजूद मूर्ति का आकार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। कहा जाता है कि यहां मंदिर में एक भक्त लक्ष्माम्मा ने भगवान गणेश के लिए एक कवच दिया था जो कुछ दिनों बाद छोटा होने के कारण प्रतिमा को पहनाया नहीं जा सका।

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