script“रामोजी फिल्म सिटी” में बनेंगे भारत के 108 दिव्य मंदिर | Ramoji Film City will have 108 holy temples | Patrika News

“रामोजी फिल्म सिटी” में बनेंगे भारत के 108 दिव्य मंदिर

Published: Mar 03, 2015 09:02:00 am

“ॐ स्पिरिचुअल सिटी” में देश के चारों दिशाओं में स्थित प्राचीन व भव्य मंदिरों की हूबहू प्रतिकृति बनाई जाएगी

देश-विदेश के पर्यटकों को भारतीय फिल्म-दुनिया की सैर कराने वाली हैदराबाद की मशहूर रामोजी फिल्म सिटी अब धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगी। प्राय: हरेक भारतीय देवी-देवताओं के दर्शन के लिए जीवन में एक बार प्रमुख तीर्थ स्थानों पर जरूर जाता है। लोगों की दृढ़ धर्मिक आस्था को ध्यान में रखकर ही इस विशाल परिसर में “ॐ स्पिरिचुअल सिटी” बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।”ॐ स्पिरिचुअल सिटी” में देश के चारों दिशाओं में स्थित प्राचीन व भव्य मंदिरों की हूबहू प्रतिकृति बनाई जाएगी। ऎसे 108 भव्य मंदिर इस आध्यात्मिक शहर में बनाए जाएंगे।

क्योंकि… ब्रह्माण्ड का मंत्र है “ॐ”
ॐ यानी ओंकार को जादुई ध्वनि में वेदों का सार माना गया है। वेदों के अनुसार जिस लक्ष्य को पाने के लिए तपस्या की जाती है वह ओम् ही है। भगवान का मूल इसी में बताया गया है। वैदिक संस्कारों से पहले ओम् का ही उच्चारण किया जाता है। सीखने की सभी प्रक्रियाओं की शुरूआत भी इसी ध्वनि से मानी जाती है। ओम् को सर्वाधिक सार्थक ध्वनि माना गया है जिसमें सभी ध्वनियों का समावेश है। छांदोग्य उपनिषद् में कहा गया है कि ओम् शब्द एक परम ध्वनि है जो ब्रह्माण्ड में मौजूद सभी ध्वनियों में सर्वोच्च है।

ओंकार का अर्थ
ओंकार तीन ध्वनियों से मिलकर बना है- अ, उ और म। “अ” को संस्कृत में अ-कार के नाम से जानते हैं, जिसका अर्थ आकार वाली वस्तु जैसे पृथ्वी। यह ब्रह्मा का प्रतीक है जो निर्माता हैं। वहीं “उ” ध्वनि उ-कार है जो बिना आकार वाली चीजों का प्रतिनिधित्व करती है जैसे वायु या जल। यह विष्णु का प्रतीक है जो रक्षा करने वाले हैं। “म” या म- कार का मतलब निराकार जैसे ब्रह्माण्ड में फैली हुई ऊर्जा। जिसे शिव का प्रतीक माना जाता है। ओम् शब्द केवल हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि विश्व के लगभग सभी प्रमुख धर्मो में महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि ब्रह्माण्ड के निर्माण के पहले जो ध्वनि गूंजा करती थी वह ओम् ध्वनि ही थी। इसलिए इसे सर्वशक्तिमान की अभिव्यक्ति के रूप में भी माना गया है।

प्रणव ध्वनि है ओम
ओम् को जब हम तन्मयता के साथ “ओ” से शुरू करते हैं और “म” पर खत्म करते हैं तो आत्मिक प्रसन्नता मिलती है। यह ध्वनि शरीर के भीतर गहराई से आती हुई प्रतीत होती है इसलिए इसे प्रणव कहा जाता है यानी ऎसी आवाज जो हमारे प्राणों से आती हो। इसमें त्रिदेवों- ब्रह्मा, विष्णु, शिव की सम्मिलित शक्ति का समावेश माना जाता है।

दर्शन ही नहीं पूजा-पाठ भी

अनूठी अवधारणा पर बन रही इस सिटी में हवन आदि के लिए अनेक हवन-कुंडों वाली होमशाला बनाई जाएगी। मूल मंदिरों में होने वाले वार्षिकोत्सवों के आयोजनों के लिए विशेष कल्याण मंडप बनाया जाएगा। प्रेक्षागृह या रंगभवन में श्रद्धालु धार्मिक गुरूओं के प्रवचन सुन सकेंगे। कुछ प्रमुख मंदिरों की महत्ता के बारे में जानिए जिनके दर्शन स्पिरिचुअल सिटी में किए जा सकेंगे :

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तरप्रदेश
बारह ज्योतिर्लिगों में एक। मान्यता है कि जीवन में एक बार भगवान शिव के इस मंदिर में दर्शन व पवित्र गंगा में स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है।

श्री रामनथा स्वामी मंदिर रामेश्वरम्, तमिलनाडु
चार धामों व बारह ज्योतिर्लिगों में एक, मान्यता है कि रावण वध के बाद श्रीराम ने ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए शिवलिंग स्थापित किया था।

श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा
हिन्दुओं के चार धाम में से एक श्रीकृष्ण को समर्पित मंदिर। वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था।

सूर्य मंदिर कोणार्क, ओडिशा
लाल बलुआ व काले ग्रेनाइट पत्थर से बना। कलिंग शैली में निर्मित मंदिर जो 12 जोड़ी चक्रों वाले 7 घोड़ों से खींचे जाते सूर्य देव के रथ के रूप में बना है।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरूअनंतपुरम, केरल
भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर। मान्यता है कि शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान विष्णु भगवान की प्रतिमा यहां सबसे पहले मिली थी। उनकी विश्राम अवस्था को पद्मनाभ क हते हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन, मध्यप्रदेश
बारह ज्योतिलिंüगों में से एक। परकोटे में स्थित मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए सीढ़ीदार रास्ता है। ठीक उपर स्थित कक्ष में ओंकारेश्वर शिवलिंग स्थापित है।

श्री गंगा सरस्वती मंदिर बसरा, तेलंगाना
छठी ई. में बनाया गया ज्ञान की देवी सरस्वती जी का यह एक दुर्लभ मंदिर है। बच्चों की शिक्षा आरंभ करवाने या अक्षर अभ्यासम की रस्म के लिए श्रद्धालु इस मंदिर में आते है।

एकलिंगनाथ जी मंदिर, उदयपुर, राजस्थान
चारमुखी शिवजी का मंदिर जो बह्मा, विष्णु, महेश और सूर्य के रूप में वर्णित हैं। दो मंजिला इस मंदिर के बीचों-बीच अलंकृत खंभों से घिरा एक विशाल मंडप है।

इन प्रमुख स्थलों के भी दर्शन होंगे

श्री द्वारकाधीश, गुजरात : स्वर्णिम द्वारका के नाम से प्रसिद्ध श्रीकृष्ण का पवित्र निवास। 16वीं शताब्दी में बने इस मंदिर को जगद्मंदिर भी कहते हैं।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा : श्रीकृष्ण की जन्म स्थली। मान्यता है कि यहां पत्थर निर्मित कंस का कारागार था। जिसे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद गर्भगृह के नाम से जाना गया।
श्री दक्षिणेश्वर मंदिर, कोलकाता : मां काली का प्रमुख मंदिर। चांदी से बने कमल के फूलों की एक हजार पंखुडियों पर मां काली शस्त्रों सहित विराजमान।
श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई : आकर्षक वास्तुशास्त्र और खास गणपति पूजा के लिए प्रसिद्ध।
श्री वेंकटेश्वर मंदिर, तिरूपति : विष्णु भगवान का अवतार। वेंकट पर्वत की 7वीं चोटी वेंकटाद्रि पर तालाब के किनारे स्थित। तिरूपति बालाजी नाम से प्रसिद्ध।
कंधारिया महादेव मंदिर, खजुराहो : मध्ययुगीन मंदिर। मुख्य मूर्ति महादेव की है जिसे ईश्वर कहा जाता है।
केदारनाथ, उत्तराखंड : बारह ज्योतिर्लिगों व चार धाम और पंच केदार में एक। इस मन्दिर में स्वयंभू शिवलिंग अति प्राचीन हैं।
श्रीमुरूदेश्वर स्वामी मंदिर, कर्नाटक : भगवान शिव का मंदिर। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिव मूर्ति है। 20 मंजिला राजगोपुरम पर चढ़कर दर्शन होते हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू : भगवान शिव का पवित्र मंदिर। मंदिर में चार पुजारी और एक मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से रखे जाते हैं। शिवरात्रि का विशेष महत्व है।
गंगोत्री मंदिर, उत्तराखंड : गंगा नदी का उद्गम स्थल व गंगाजी का मंदिर।
यमुनोत्री मंदिर, उत्तराखंड : देवी यमुना का मंदिर। चार धामों में से एक।
श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा : श्रीकृष्ण के 7 वर्ष की अवस्था वाला रूप। 12वीं शताब्दी में बने मंदिर में काले मार्बल से बनी भगवान की मूर्ति है।
ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर : ब्रह्माजी का एकमात्र मन्दिर। ब्र±मा जी ने यहां यज्ञ किया था।
बद्रीनारायण मंदिर, उत्तराखंड : चार धाम में शामिल भगवान विष्णु के रूप बदरीनाथ का मंदिर। दो हजार से अधिक वर्ष पुराना प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।
रघुनाथ मंदिर, जम्मू : सात धार्मिक स्थलों वाला मंदिर। अंदर से सोने से बने मंदिर में हिंदूओं के 33 करोड़ देवी-देवताओं के लिंगम बने हैं।
श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर, गुजरात : बारह ज्योतिर्लिगों में से एक प्राचीन मंदिर है।

इन मंदिरों की प्रतिकृति
“ॐ स्पिरिचुअल सिटी”
में बनाए जाने वाले 108 मंदिरों की प्रतिकृतियों में ये प्राचीन व भव्य मंदिर शामिल होंगे :
1. श्रीवेंकटेश्वर मंदिर, तिरूपति
2. काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
3. श्री रामनथा स्वामी मंदिर, रामेश्वरम्, तमिलनाडु
4. श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा
5. श्री अयप्पा मंदिर, केरल
6. श्री मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
7. श्री कृष्ण मंदिर, केरल
8. श्री द्वारकाधीश, गुजरात
9. श्री रंगनाथा स्वामी मंदिर, श्रीरंगम, तमिलनाडु
10. श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर, सोमनाथ, गुजरात
11. श्री थिल्लई नटराज मंदिर, चिदंबरम, तमिलनाडु
12. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरूवनंतपुरम, केरल
13. श्री कनक दुर्गा देवी मंदिर, विजयवाडा, आंध्रप्रदेश
14. सूर्य मंदिर, कोणार्क, ओडिशा
15. श्री दक्षिणेश्वर मंदिर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
16. श्री सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई, महाराष्ट्र
17. श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर, भद्राचलम, तेलंगाना
18. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, उत्तर प्रदेश
19. श्री नरसिम्हा मंदिर, अहोबिलम, आंध्र प्रदेश
20. विरूपक्ष मंदिर, हम्पी, कर्नाटक
21. एकमबरेश्वर मंदिर, कांचीपुरम, तमिलनाडु
22. श्री अंबाजी मंदिर, बनासकांठा, गुजरात
23. श्री चामुंडेश्वरी मंदिर, मैसूर, कर्नाटक
24. बृहदीश्वरर मंदिर, थंजावुर, तमिलनाडु
25. होयसेलेश्वरा मंदिर, हलेबिडु, कर्नाटक
26. श्री अरूणाचलेश्वर मंदिर, तिरूवन्नामलाई, तमिलनाडु
27. केदारनाथ मंदिर, केदारनाथ, उत्तराखंड
28. कंधारिया महादेव मंदिर, खजुराहो, मध्यप्रदेश
29. श्री चतुर्मुख ब्रह्मलिंगेश्वर मंदिर, चेबरोलु, आंध्र प्रदेश
30. एरावटेश्वर मंदिर, दारासुरम, तमिलनाडु
31. श्री मुरूदेश्वर स्वामी मंदिर, भटकल, कर्नाटक
32. शीतला माता मंदिर, गुड़गांव
33. श्री मंजुनाथ मंदिर, कर्नाटक
34. श्री जोगुलंब मंदिर, तेलंगाना
35. पशुपतिनाथ मंदिर, काठमांडू
36. मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार
37. श्री चेन्नकेश्वर मंदिर, कर्नाटक
38. श्री बैजनाथ मंदिर, हिमाचल
39. कैलाशनाथ मंदिर, तमिलनाडु
40. श्री वीरभद्र मंदिर, आंध्र प्रदेश
41. श्री ग्रश्नेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र
42. श्री कृष्ण मंदिर, कर्नाटक
43. श्री मूकम्बिका देवी मंदिर, कोल्लूर, कर्नाटक
44. श्री वरदराजा स्वामी मंदिर, कांचीपुरम, तमिलनाडु
45. श्री वीर वेंकट सत्यनारायण स्वामी मंदिर, अन्नावरम्, आंध्र प्रदेश
46. श्री बैद्यनाथ मंदिर, झारखंड
47. श्री वरह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, सिम्हाचलम, आंध्र प्रदेश
48. श्री लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
49. गंगोत्री मंदिर, उत्तराखंड
50. श्री मुखलिंगेश्वर मंदिर, श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश
51. त्रिपुरेश्वरी मंदिर, उदयपुर, त्रिपुरा
52. श्री मुक्तेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर
53. यमुनोत्री मंदिर, उत्तराखंड
54. कामाक्षी अम्मन मंदिर, कांचीपुरम, तमिलनाडु
55. वेदनारायण स्वामी मंंदिर, चित्तूर, आंध्र प्रदेश
56. रघुनाथ मंदिर, जम्मू-कश्मीर
57. श्री मुंडेश्वरी मंदिर, बिहार
58. श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन
59. वडक्कमनाथन मंदिर, केरल
60. श्री महालसा नारायणी देवी मंदिर, पोंडा, गोवा
61. एकलिंगनाथ जी मंदिर, उदयपुर, राजस्थान
62. सूर्य मंदिर, मोधेरा, गुजरात
63. श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, श्रीसैलम, आंध्र प्रदेश
64. कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी, असम
65. त्रयम्बकेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र
66. रामप्पा मंदिर, तेलंगाना
67. श्री वैकुंटनाथ स्वामी, श्री वैकुंठम, तमिलनाडु
68. श्री वैकोम महादेव मंदिर, केरल
69. दन्तेश्वरी मंदिर, छत्तीसगढ़
70. महानन्दीश्वर मंदिर, महानन्दी, आंध्र प्रदेश
71. श्री गंगा सरस्वती मंदिर, बसरा, तेलंगाना
72. श्री महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
73. श्री वरसिद्धि विनायक मंदिर, कनिपक्कम, आंध्र प्रदेश
74. श्री मुर्गन मंदिर, तमिलनाडु
75. श्री थिरूनारायण स्वामी मंदिर, मेलकोट, कर्नाटक
76. श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, चम्बा, हिमाचल प्रदेश
77. श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा, उदयपुर, राजस्थान
78. भद्र मारूति मंदिर, महाराष्ट्र
79. तुलजा भवानी मंदिर, महाराष्ट्र
80. श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, यादगिरीगट्टा, तेलंगाना
81. श्री नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
82. मन्नारशाला श्री नागराज मंदिर, अलप्पुझा, केरल
83. श्री करमंध मंदिर, श्रीकरमम, आंध्र प्रदेश
84. श्री शांता दुर्गा मंदिर, कावालेम, गोवा
85. जगद्पिता ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर
86. श्री विष्णुपद मंदिर, गया
87. बद्रीनारायण मंदिर, बद्रीनाथ
88. चौंसठ योगिनी मंदिर, ओडिशा
89. काली मंदिर, कालीघाट, कोलकाता
90. कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा
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