मंदिर

यहां गिरी थी मां सती की बाईं आंख, दर्शन मात्र से दूर हो जाती है आंखों की पीड़ा

मां चडिका मंदिर के पूर्व और पश्चिम में श्मशान है। इन्हें ‘श्मशान चंडी’ के नाम से भी जाना जाता है।

Sep 30, 2019 / 12:13 pm

Devendra Kashyap

भारतवर्ष में देवी मां के कई मंदिर हैं। इन मंदिर में एक मां चंडिका का मदिर भी है। इस मंदिर को देवी के 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर देवी सती की बाईं आंख गिरी थी। मान्यता इस मंदिर में पूजा करने वालों की आंखों की पीड़ा दूर हो जाती है।
मां चंडिका का मंदिर बिहार के मुंगेर में स्थित है। जिला मुख्यालय से लघभग चार किलोमीटर दूर गंगा किनारे मां चडिका का मंदिर है। इस मंदिर के पूर्व और पश्चिम में श्मशान है। यही कारण है कि इसे ‘श्मशान चंडी’ के नाम से जाना जाता है। नवरात्र के दौरान यहां साधक तंत्र सिद्धि को लिए आते हैं।
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वैसो तो यहां सभी लोग आते हैं लेकिन आंखों के असाध्य रोग से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा आते हैं। माना जाता है कि माता के मंदिर के काजल लगाने से नेत्र रोगियों के विकार दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि यहां आने वाले श्रद्धालु प्रसाद के तौर पर यहां से काजल ले जाते हैं।
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स्थानीय लोग बताते हैं कि नवरात्र के दौरान सुबह तीन बजे से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है और संध्या में श्रृंगार पूजन किया जाता है। मां के इस विशाल मंदिर परिसर में काल भैरव, शिव परिवार के अलावा अन्य देवी-देवताओं के भी मंदिर है, जहां श्रद्धालु पूजा करते हैं।

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