ये भी पढ़ें- Sawan shiv puja: किसी कारणवश नहीं कर पा रहे भोलेनाथ की पूजा, तो ऐसे करें उन्हें प्रसन्न यह मंदिर कानपुर शहर से लगभग 40 किमी दूर रघुनाथपुर गांव में स्थित है। जानकारों का कहना है कि कई साल पहले यहां पर बंजारों की टोली आयी थी। यहां स्थित सुनहरे शिवलिंग को देखकर उसे खोदने लगे, जिस कारण शिवलिंग खंडित हो गया। कहा जाता है कि जैसे ही शिवलिंग खंडित हुआ, उससे निकले सांपों ने बंजारों को डस लिया। बताया जाता है कि इसके बाद संतों की टोली ने यहां पर तपस्या कर भोले बाबा का क्रोध शांत किया।
ये भी पढ़ें- एक ही रात में इस मंदिर का हुआ था निर्माण, आज भी है अधूरा बताया जाता है कि शिवलिंग के पास आठ काले नाग देखे गए थे। यही कारण है कि मंदिर निर्माण के वक्त गुम्मद के अंदर आठ सांपों की आकृति बनाई गई है। यहां के स्थानीय और मंदिर के पुजारी बताते हैं कि आज भी गर्भ गृह में सांप देखे जाते हैं। उन लोगों का कहना है कि यही कारण है कि रात में गर्भगृह में दूध रख दिया जाता है। मान्यता के अनुसार, रात में गर्भगृह में सांप आते हैं और दूध का सेवन करते हैं।