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कभी सोने की तरह चमकता था शिवलिंग, इस मंदिर में द्रौपदी ने की थी पूजा

locationभोपालPublished: Aug 06, 2019 02:14:04 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

panchaleshwar mahadev mandir : द्वापर युग में बनवास के दौरान पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने इस स्थान पर शिव जी की तपस्या की थी।

panchaleshwar

कभी सोने की तरह चमकता था शिवलिंग, इस मंदिर में द्रौपदी ने की थी पूजा

हमारे देश में वैसे तो भगवान शिव ( Lord Shiva ) की कई मंदिरें हैं लेकिन कानपुर स्थित पांचालेश्वर महादेव मंदिर ( mahadev temple ) अपने आप में कुछ खास है। कहा जाता है कि द्वापर युग में बनवास के दौरान पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने इस स्थान पर शिव जी की तपस्या की थी। हम सभी जानते हैं कि द्रौपदी को पांचाली भी कहा जाता है। माना जाता है कि द्रौपदी की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने आशीर्वाद देने के बाद इसी स्थान पर शिवलिंग के रूप में विराजमान हो गए। कहा जाता है कि तब से ही यह मंदिर पांचालेश्वर महादेव ( Panchaleshwar ) के नामा से जाना जाता है।
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यह मंदिर कानपुर शहर से लगभग 40 किमी दूर रघुनाथपुर गांव में स्थित है। जानकारों का कहना है कि कई साल पहले यहां पर बंजारों की टोली आयी थी। यहां स्थित सुनहरे शिवलिंग को देखकर उसे खोदने लगे, जिस कारण शिवलिंग खंडित हो गया। कहा जाता है कि जैसे ही शिवलिंग खंडित हुआ, उससे निकले सांपों ने बंजारों को डस लिया। बताया जाता है कि इसके बाद संतों की टोली ने यहां पर तपस्या कर भोले बाबा का क्रोध शांत किया।
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बताया जाता है कि शिवलिंग के पास आठ काले नाग देखे गए थे। यही कारण है कि मंदिर निर्माण के वक्त गुम्मद के अंदर आठ सांपों की आकृति बनाई गई है। यहां के स्थानीय और मंदिर के पुजारी बताते हैं कि आज भी गर्भ गृह में सांप देखे जाते हैं। उन लोगों का कहना है कि यही कारण है कि रात में गर्भगृह में दूध रख दिया जाता है। मान्यता के अनुसार, रात में गर्भगृह में सांप आते हैं और दूध का सेवन करते हैं।
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