द्वादशी भद्रा संज्ञक शुभ तिथि रात्रि ११.५२ तक, इसके बाद त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि है। यदि समयादि शुद्ध हो तो द्वादशी तिथि में सभी चर व स्थिर कार्य, विवाहादि मांगलिक कार्य और जनेऊ आदि के कार्य शुभ होते हैं। पर तेल लगाना और यात्रा वर्जित है। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी में जनेऊ को छोडक़र सभी मांगलिक कार्य करने योग्य हैं। नक्षत्र: अनुराधा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: १०.१४ तक, इसके बाद ज्येष्ठा ‘तीक्ष्ण व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। अनुराधा नक्षत्र में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य प्रशस्त हैं। ज्येष्ठा गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। अत: ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातकों की २७ दिन बाद ज्येष्ठा की पुनरावृत्ति पर मूल शांति कराना हितकर रहेगा। योग: वृद्धि नामक योग अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: ७.०३ तक, इसके बाद ध्रुव नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग है। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: दोपहर बाद २.४५ पर शुक्र मकर राशि में दाखिल होगा। करण: कौलव नामकरण प्रात: १०.३७ तक, तदुपरान्त तैतिलादि करण हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ८.४० से ९.५८ तक शुभ तथा दोपहर १२.३५ से सायं ४.३१ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१४ से दोपहर १२.५६ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज अनुराधा नक्षत्र में यथाआवश्यक विपणि-व्यापार आरम्भ के शुभ मुहूर्त हैं। अन्य मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।
व्रतोत्सव: आज लोहड़ी उत्सव (पंजाब-हरियाणा व जम्मू कश्मीर), धनु का मलमास समाप्त, भोगी (द. भारत में) तथा शीतलनाथ जयंती (जैन) है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि वृश्चिक राशि में है। दिशाशूल: शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल है। चन्द्र स्थिति के अनुसार उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे :
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (नो, या, यी, यू) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि वृश्चिक व जन्म ताम्रपाद से है। सामान्यत: ये जातक परिवर्तित स्वभाव, धनवान, बुद्धिमान, चतुर, होशियार, बहुमित्रों वाले, कष्ट सहिष्णु, राजद्वार से धन प्राप्त करने वाले, परंतु कुछ क्रोधी, कामासक्त, कलहप्रद, छिद्रान्वेषी और अच्छे आलोचक होते हैं। इनके १३-२७-३१ और ४९वें वर्ष स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं रहते। वृश्चिक वाले जातकों को आज कहीं दूर-परे की यात्रा करनी पड़ सकती है। यात्रा में सावधानी बरते।