सीधे सेटों में हारे गुणास्वरेन प्रजनेश
उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्टोमिन ने सेमीफाइनल में सीधे सेटो में प्रजनेश को मात देकर कांस्य पदक पर रोक दिया। इस्टोमिन ने प्रजनेश को एक घंटे 36 मिनट तक चले मैच में 6-2, 6-2 से हरा कर फाइनल में जगह बनाई। इस्टोमिन ने इस मैच में कुल छह ऐस लगाए जबकि प्रजनेश ने चार। अब फाइनल में इस्टोमिन का सामना कोरिया के डुकची ली और यिबिंग वु के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा।
रोहन और दिविज ने दिलाया गोल्ड
वही एक दूसरे मुकाबले में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर अनुभवी टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने यहां जारी 18वें एशियाई खेलों में छठे दिन शुक्रवार को भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने पुरुष युगल वर्ग के फाइनल में खिताबी जीत हासिल करने के साथ ही स्वर्ण पदक अपने नाम किया। भारतीय जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में कजाकिस्तान की एलेक्जेंडर बुबलिक और डेनिस येवसेव की जोड़ी को 52 मिनटों के भीतर सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात देकर जीत हासिल की।
बोपन्ना ने पहली बार एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता
एशियाई खेलों में टेनिस की पुरुष युगल स्पर्धा में भारत को मिला यह पांचवां स्वर्ण पदक है। इससे पहले, भारत ने 1994, 2002, 2006, 2010 में सोना जीता था। बोपन्ना ने पहली बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है, वहीं शरण ने 2014 में युकी भांबरी के साथ पुरुष युगल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पहले सेट में भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की। उन्होंने कजाकिस्तान के खिलाफ 3-0 से बढ़त बना ली थी। हालांकि, प्रतिद्वंद्वी टीम ने अच्छी वापसी की और अपनी स्कोर 5-3 किया। यहां बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने एक गेम जीतने के साथ ही पहले सेट को 6-3 से अपने नाम कर लिया।