समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, मुगुरुजा ने हालेप को 56 मिनच के भीतर सीधे सेटों में 6-1, 6-0 से मात देकर इस साल का अपना दूसरा खिताब जीता। मुगुरुजा ने इस साल इससे पहले विंबलडन ओपन का खिताब अपने नाम किया था। इस जीत के साथ ही मुगुरुजा विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं और शीर्ष स्थान पर पहुंचने के करीब हैं।
पुरुष एकल वर्ग की बात की जाए, तो दिमित्रोव ने किर्गियोस को 6-3, 7-5 से मात देकर न केवल खिताबी जीत हासिल की, बल्कि एटीपी रैंकिंग में दो कदम आगे बढ़ते हुए शीर्ष-10 खिलाड़ियों में शुमार हो गए हैं।
26 साल के खिलाड़ी ने जीत के बाद कहा मैं बस खुश हूं। मैं सच कहूं तो इसके अलावा और कुछ नहीं मांग सकता हूं। मैं इस ट्राफी को अपने हाथ में लेकर खुश हूं क्योंकि यह मेरा पहला मास्टर्स 1000 खिताब है। मैं हमेशा ही इस टूर्नामेंट को पसंद करता था और हमेशा इसे जीतने के बारे में सोचता था।
दिमित्रोव ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट नहीं गंवाया और मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में वह वर्ष 2007 में नोवाक जोकोविच के बाद ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने पुरूष एकल फाइनल में 53 में से 52 सर्विस गेम जीते।
आस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइनलिस्ट ने कहा यूएस ओपन में अब मैं काफी सकारात्मकता के साथ उतर सकूंगा। लेकिन मुझे साथ ही अपने पैर जमीन पर रखने होंगे और इसी काम को जारी रखना होगा। मुझे ओपन के लिये अपनी तैयारी पूरी करनी होगी।
वर्ष का आखिरी ग्रैंड स्लेम 28 अगस्त से शुरू होना है। दिमित्रोव और 22 वर्षीय किर्गियोस दोनों ही पहली बार मास्टर्स 1000 का अपना पहला फाइनल खेल रहे थे लेकिन बुल्गारियाई खिलाड़ी मैच में ज्यादा आक्रामक दिखे और शुरूआती ब्रेक अंक हासिल किया। वहीं किर्गियोस ने 31 बेजा भूलें की जबकि क्वार्टरफाइनल में उन्होंने नडाल के खिलाफ कहीं बेहतर प्रदर्शन किया था।