शरणार्थी जीवन से मुक्ति
पाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत उमर जखिलवाल ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा- ‘मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि शरबत गुल अब कानूनी दांवपेचों से बाहर आ चुकी है। अब वह जल्द ही शरणार्थी जीवन से भी मुक्त हो जाएंगी, क्योंकि सोमवार को वह अपने वतन लौटेंगी, जहां वह आज भी नेशनल आइकन है।‘
परिवार से साथ आई थी पाकिस्तान
गुल अफगान लड़ाई के दौरान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आई थी और शरणार्थियों के बनाए शिविर में ही रुक गई थीं। दो साल चली जांच के बाद गुल को 23 अक्टूबर को पाक अफगानिस्तान सीमा के समीप पेशावर से गिरफ्तार किया गया था।
ऐसे मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुल को उस समय लोकप्रियता मिली जब नेशनल ज्योग्राफिक ने जून 1985 में अपने कवर पर उसकी तस्वीर छापी थी। उत्तरी पश्चिमी पाकिस्तान के एक शरणार्थी शिविर में जब वह रह रही थी, तभी फोटोग्राफर स्टीव मैक्करी ने उसकी यह तस्वीर खींची थी। उस समय वह 12 साल की थी। अपनी हरी आंखों के कारण मशहूर हुई गुल पर साल 2002 में नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसके बाद वह ‘अफगानिस्तान युद्ध की मोनालिसा‘ के नाम से मशहूर हो गई थी।