मैच के शुरू से ही बियान्का पर हावी थीं सेरेना विलियम्स
ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर सेरेना विलियम्स को चोट नहीं लगती तो वो हीं इस खिताब पर अपना कब्जा कर लेतीं। सेरेना मैच के शुरुआत से ही आगे चल रहीं थी, लेकिन 19 मिनट के खेल के बाद उनकी पीठ में दर्द होने लगा और अपनी कुर्सी पर बैठ कर रोने लगीं। इसके बाद उन्हें मैच से रिटायर होने का फैसला करना पड़ा और बियान्का एंड्रेस्कू ने खिताब जीत लिया।
रोजर्स कप: सेमीफाइनल में हारी रोहन बोपन्ना और डेनिस शापोवालोव की जोड़ी
किसी कनाडाई खिलाड़ी ने 50 साल में जीता पहला खिताब
युवा खिलाड़ी बियान्का एंड्रेस्कू ने पहली बार रोजर्स कप का खिताब अपने नाम किया है। उन्होंने इसी साल मार्च में ही इंडियन वेल्स का खिताब भी जीता था। हालांकि वो अपने कंधे की चोट के कारण फ्रेंच ओपन में नहीं खेल पाईं थीं। फ्रेंच ओपन से उन्हें अपना नाम वापस लेना पड़ा था। यह किसी कनाडा खिलाड़ी की पिछले 50 साल में पहली खिताबी जीत है।
19 साल बाद किसी टूर्नामेंट का फाइनल नहीं जीत पाईं सेरेना
वहीं विलियम्स ने अपने करियर में पांचवीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई है। इससे पहले विलियम्स केवल एक बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में हारी थीं। उन्हें 2000 में मार्टिना हिगिस ने हराया था। सेरेना के लिए यह टूर्नामेंट काफी शानदार रहा था। शनिवार को हुए रोमांचक सेमीफाइनल में सेरेना ने पहले सेट में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए चेक गणराज्य की मैरी बोउजकोवा पर 1-6, 6-3, 6-3 से जीत दर्ज की थी। उससे पहले विलियम्स ने शुक्रवार रात शानदार प्रदर्शन करते हुए जापान की नाओमी ओसाका को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से पराजित किया था।