रोजर फेडरर के 22 साल के कॅरियर में दूसरी बार ऐसा हुआ जब उन्हें तीन सीधे सेट्स में किसी खिलाड़ी ने हराया हो। इससे पहले वर्ष 2002 में फेडरर के साथ ऐसा हुआ। फेडरर 103 सिंगल्स और 20 ग्रैंडस्लैम जीत चुके हैं, लेकिन इस मैच में वह अपना कमाल नहीं दिखा पाए। क्वार्टर फाइनल मुकबले में रोजर फेडरर ने कई गलतियां की, जिसकी वजह से वह यह मुकाबला हार गए।
8 बार विंबलडन चैंपियन रहे रोजर फेडरर पर पौलेंड के 14वीं रैंक के खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल मुकाबले में शुरू से ही भारी दिखे। पहले सेट में हुरकाज ने बड़ी आसानी से जीत हासिल की। वहीं दूसरे सेट में फेडरर ने वापसी करते हुए शुरुआत में 3-0 से बढ़त हासिल की। हालांकि इसके बाद हुरकाज ने वापसी करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके बाद हुकराज ने दूसरा सेट भी 7-4 से अपने नाम कर लिया। वहीं तीसरे सेट में हुरकाज़ ने फेडरर को 6-0 से हरा दिया। फेडरर के विम्बलडन कॅरियर में पहली बार ऐसा हुआ की वे कोई सेट 6-0 से हारे हों।
मैच के बाद जब 40 वर्षीय फेेडरर से उनके भविष्य को लेकर सवाल पूछा गया। साथ ही यह सवाल भी उठने लगा कि क्या यह फेडरर का आखिरी विंबलडन मुकाबला था? इस पर फेडरर ने कहा,’सच पूछें तो मुझे नहीं पता। आज मिली इस हार के बाद मैं और मेरी पूरी टीम साथ बैठ कर बात करेगी कि आगे क्या करना है और खेल में क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘रही बात भविष्य में खेलने की तो जिस उम्र में मैं हूं ऐसे में आप कुछ नहीं कह सकते कि आगे क्या होने वाला है।’