जिले में दुग्ध समितियों को चालू कराने के लिए ९.५० लाख रुपए की लागत से २० भवन निर्माण किए गए थे। लेकिन उन भवनों में केंद्र चालू नहीं किए गए है। वह भवन खंडहर होते जा रहे है। कुण्डेश्वर जवाहर नवोदय विद्यालय के सामने भवन बनाया गया है। केंद्र चालू नहीं होने से स्थानीय लोगों ने कबाड़ जमाना शुरू कर दिया है।
गर्मियों में दूध का उत्पादन कम हो जाता है। कई समितियां बंद हो गई है। उन्हें चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है। दूग्ध उत्पादन से जोडऩे के लिए नई समितियों को आगे लाया जा रहा है। जिससे युवाओं को लाभ मिल सके।
रोहित नामदेव प्रबंधक, दुग्ध शीत केंद्र टीकमगढ़।