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नकद खाद नहीं मिलने से किसान परेशान, उद्यारी में समितियां बता रही नियम

locationटीकमगढ़Published: Oct 13, 2019 12:07:54 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

सोसायटियां किसानों को दर्जनों नियम बताकर उधारी में खाद देने की बात कर रहे है। लेकिन किसान २ लाख की लिमिट के आंकड़ों में पहुंच नहीं पा रहे है।

4 of the committees are getting cash manure at the district marketing centers, farmers' long line for cash manure

4 of the committees are getting cash manure at the district marketing centers, farmers’ long line for cash manure

टीकमगढ़.सोसायटियां किसानों को दर्जनों नियम बताकर उधारी में खाद देने की बात कर रहे है। लेकिन किसान २ लाख की लिमिट के आंकड़ों में पहुंच नहीं पा रहे है। किसान उधारी में डीएपी और यूरिया खाद न उठाकर नकद में जिला विपणन केंद्र से पिछले वर्ष की तुलना में सस्ती खरीद रहे है। लेकिन दूरी ज्यादा होने के कारण बचे पैसों को भाड़ा में लगा रहे है। इसके साथ ही व्यापारी कालाबाजारी करने से चूक नहीं रहे है। जिसके कारण किसानों को सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
रबी की खेती करने लिए विपणन संघ ने डीएपी १७६७०० और ९६२८० बोरी को स्टॉक कर लिया है। जिले की ८७ सोसायटियों पर डीएपी ४८००० और यूरिया १८५२० बोरी को वितरण कर दिया है। इसके बाद भी किसानों को ग्रामीण क्षेत्र की सोसायटियों का लाभ नहीं मिल रहा है। सोसायटियां दर्जनों नियम बताकर लिमिट और उधारी में खाद लेने की बात क र रहे है। वहीं किसानों को नकद खाद देने से इंकार कर रहे है। जिसके कारण किसान सोसायटियां से लिमिट में खाद न लेकर जिला विपणन से नकद में खाद का उठाव कर रहे है। जहां पर किसानों को सस्ती खाद भाड़ा में महंगी पड़ रही है।
खाद का कर लिया भण्डारण
रबी फसल की तैयारी के लिए विपणन विभाग ने यूरिया ९६ हजार २८० और डीएपी १ लाख ७६ हजार ७०० बोरियों का भण्डारण कर लिया है। इसके साथ ही किसानों और ८७ सहकारी समितियों को भेजा गया है। लेकिल किसानों को यह समितियां नियम बताकर गुमराह कर रहे। इसके साथ ही खाद नकद देने से इंकार कर रहे है। जिसके कारण किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
खाद की भी नहीं रूक रही कालाबाजारी
शासन ने व्यापारियों को खाद देना बंद कर दिया है। लेकिन व्यापारी किसान के रूप में आकर खाद वितरण केंद्र खरीद रहे है। इन केंद्रों पर विभाग के कर्मचारियों द्वारा नजर रखी गई है। लेकिन सक्षम नहीं होने के कारण किसानों के नाम पर खाद उठाकर बेच रहे है। २०० रुपए अधिक की राशि में खाद की बोरी बेच रहे है।
सरसों और चना का निकला समय
समितियों पर नकद खाद नहीें मिलने के कारण सरसों, मटर और चना की खेती में देरी हो गई है। जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ रही है। किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि समितियों पर नकद में खाद दिया जाए। जिससे किसानों को रबी की खेती में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
पिछले वर्ष की तुलना में कम हुए खाद के दाम
पिछले वर्ष डीएपी की १५०० रुपए प्रति बोरी और यूरिया ३०५ रुपए बोरी दी जा रही थी। इस वर्ष डीएपी १२७० और यूरिया २७० रुपए में बेची जा रही है। जहां डीएपी में २३० रुपए और यूरिया में ३५ रुपए सस्ता हुआ है। लेकिन समितियों द्वारा खाद नकद में खाद नहीं देने पर जिला स्तर विपणन से खाद नकद में खरीद रहे है। जहां किसानों को खाद भाड़ा में महंगी पड़ रही है।
रबी की खेती करने के लिए क्षेत्र के किसानों ने समितियां पर सम्र्पक किया था। लेकिन उनके द्वारा इतनी सारे नियम बता दिए थे कि यह कागज एक महीनें मे पूरे नहीं कर पाएगें। दीवाली में छुटिट्यां अधिक होने के कारण खाद भी नहीं मिल पाएगा। जिसके कारण नकद में खाद खरीदना सरल समझा। जिससे समय पर रबी की बोनी हो जाएगी।
किसान गंगाराम यादव लखौरा।
सरसों और मटर बोने का समय आ गया है। लिमिट बनाने के लिए समितियां कई प्रकार के दस्तावेज मांग रहे है। इसके बाद भी लिमिट के नजदीक खाद भी नहीं दे रहे है। जिसके कारण वहां खाद लेना उचित नहीं समझ रहे है।
किसान नंदू प्रजापति चकरा
फैक्ट फाइल
जिलेेे में सहकारी समितियों की संख्या – ८७
जिले में कुल डीएपी का भण्डारण – १७६७०० बोरी
वितरण की गई बोरी – ४८००० बोरी
डीएपी की उपलब्ध बोरी – १२८७०० बोरी
जिले में कुल यूरिया का भण्डारण – ९६२८० बोरी
वितरण की गई बोरी – १८५२०
यूरिया की उपलब्ध बोरी – ७७०००
इनका कहना
रबी फसल की बोनी के लिए जिला विपणन से नकद में खाद दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की सोसायटियों पर खाद को भेजा गया है। अभी दिल्ली की बैठक में हूं। इसलिए कुछ कह नहीं पा रहा हंू।
स्वरूपलाल धुर्वे डीएमओ जिला विपणन अधिकारी टीकमगढ़।
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