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देरी से आ रहे बीज और खाद के सैंपल, किसानों को होगा आर्थिक नुकसान

locationटीकमगढ़Published: Jun 19, 2019 08:58:18 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

प्री-मानसून शुरू होते ही खरीफ बोवनी की तैयारी में किसान लग जाता है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बीज और उर्वरक के सैंपल लेना शुरू कर देते है।

A test report takes 15 to 20 days time

A test report takes 15 to 20 days time

टीकमगढ़.प्री-मानसून शुरू होते ही खरीफ बोवनी की तैयारी में किसान लग जाता है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बीज और उर्वरक के सैंपल लेना शुरू कर देते है। लेकिन बीज और उर्वरक के सैंपल समय पर नहीं आ पाते है। जिसके जिसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
मानसून के पूर्व ही किसानों द्वारा खरीफ की पूरी तैयारियां शुरू कर दी गई है। खेतों को खेती योग्य बनाने और बुआई के लिए खाद बीज भी तैयार किया जा रहा है। लेकिन बीजों की मानकता को लेकर प्रतिवर्ष सवाल खड़े होते है। खराब बीजों के चलते बोवनी के बाद कई किसानों के खेतों में बीजों के अंकुर नहीं होता है। व्यापारियों द्वारा क्रि य किए जाने वाले बीज की मानकता और अमानकता को लेकर कृषि विभाग के बाद जांच अधिकारी भी है। लेकिन नियमों की जटिलता एवं समय सीमा के चलते जांच के पूर्व ही बीजों को क्रय करके बोवनी करनी पडती है। ऐसे अब किसानों द्वारा बीजों की जांच को लेकर शीघ्रता किए जाने की बाज कही जा रही है।
सैंपल की जांच में होती है देरी
जिले में टीकमगढ़ और निवाड़ी ब्लॉक से खाद और बीज के १४ सैंपल लिए गए। इन सैंपलों को जबलपुर, इंदौर, भोपाल और ग्वालियर लैब में जांच के लिए भेजे गए। लेकिन यह जांच ५ से ७ दिन की जगह १५ से २० दिनों में आने की बात की जा रही है।
जांच सैंपल में लम्बा समय होने और अमानक बीज निकलने कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

यह खाद और बीज के दुकानों की स्थिति
जिले में सरकारी और निजी बीज की लायसेंसी दुकानें १७५ के करीब है। जिसमें सरकारी ९० और निजी ८५ है। इसके साथ ही उर्वरक की लायसेंसी दुकानें ८५ है। जिसें सरकारी १० और निजी ७५ है। बीज के १४ और उर्वरक के २१ सैंपल लिए गए है।
लायसेंसी से अधिक है खाद और बीज की दुकानें
दोनों जिलों के सभी ब्लॉकों में खाद और बीज की सैकड़ों दुकानें संचालित की जा रही है। लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच करने में लापरवाही की जाती है। जिसका हर्जाना किसानों को भुगतना करना पड़ता है।
इनका कहना
कृषि विभाग द्वारा बीज और खाद के सैंपल लिए जा रहे है। उन सैंपलों को बाहर जांच के लिए भेजा जा रहा है। लैब खाली रहे तो सैंपल की जांच जल्दी आ जाती है। विभाग का प्रयास रहता है कि जल्दी जांच रिपोर्ट आए और किसानों को परेशानी न हो।
जीपी अहिरवार एडीओ कृषि विभाग टीकमगढ़।
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