खरीदी से १८०१ क्विंटल गेहूं गायब, एफसीआई और वेयर हाउस नहीं पहुंचा
टीकमगढ़Published: May 26, 2023 08:05:39 pm
बड़ागांव धसान तहसील के ककरवाहा समिति से समर्थन मूल्य खरीदी का १८०१ क्विंटल गेहूं वेयर हाउस नहीं पहुंचा है। प्रशासक द्वारा खरीदे गए गेहूं को जमा कराने के लिए समिति केंद्र के निरीक्षण में भी नहीं मिला है। जिसे जमा कराने के लिए प्रशासक द्वारा प्रबंधक और ऑपरेटर के नाम पत्र लिखा है लेकिन प्रबंधक मोबाइल बंद कर केंद्र से गायब है।


Administrator and Tehsildar inspected, wheat was not found at the center
टीकमगढ़. बड़ागांव धसान तहसील के ककरवाहा समिति से समर्थन मूल्य खरीदी का १८०१ क्विंटल गेहूं वेयर हाउस नहीं पहुंचा है। प्रशासक द्वारा खरीदे गए गेहूं को जमा कराने के लिए समिति केंद्र के निरीक्षण में भी नहीं मिला है। जिसे जमा कराने के लिए प्रशासक द्वारा प्रबंधक और ऑपरेटर के नाम पत्र लिखा है लेकिन प्रबंधक मोबाइल बंद कर केंद्र से गायब है। गेहूं के भुगतान के लिए किसान समिति और जिम्मेदार विभाग के चक्कर लगा रहे है।
समर्थन मूल्य खरीदी का कार्य २० मई को समाप्त हो गया था। पोर्टल अनुसार ककरवाहा समिति द्वारा १८२१० क्विंटल गेहूं खरीदा गया था। जिसमें से१६५९८ क्विंटल गेहूं वेयर हाउस में जमा किया गया, पत्रक अनुसार १८०१.६६ क्विंटल जमा करने के लिए शेष बचा है और ७३९.५२ क्विंटल रिजेक्ट किया गया जो वापस समिति पर वापस आ गया था। प्रशासक और तहसीलदार के निरीक्षण में उपार्जन केंद्र पर गेहूं नहीं मिला है। ऑपरेटर अजय यादव ने बताया कि २३ मई को २४० क्विंटल से भरी गाड़ी एफसीआई गोदाम पहुंचाई थी। जिसका स्टॉक अभी घटा नहीं है।
समिति प्रबंधक संपर्क से दूर
ककरवाहा समिति प्रबंधक द्वारा समर्थन मूल्य के तहत १८२१० क्विंटल गेहूं खरीद की थी। उसमें से १८०१.६६ क्विंटल गेहूं पोर्टल पर जमा दिखाई नहीं दे रहा है। नागरिक आपूर्ति विभाग और खाद्य विभाग द्वारा खरीद गए गेहूं को जमा करने के लिए बार-बार प्रबंधक को सूचित किया गया। उसके बाद उन्होंने मोबाइल बंद कर लिया। समिति कार्यालय का निरीक्षण किया गया लेकिन वहां पर किसी भी प्रकार का गेहूं नहीं मिला है।
खरीदे गए गेहूं को जमा कराने टीम हुई थी गठित
समर्थन मूल्य के तहत खरीदे गए गेहूं को जमा कराने के लिए प्रशासक राजेश दुबे और तहसीलदार द्वारा समिति का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान वेयर हाउस खाली पड़ा था। उस समय समिति प्रबंधक अनुपस्थित थे। प्रबंधक से संपर्क किया गया लेकिन उनका मोबाइल बंद था। फिर कलेक्टर के निर्देश पर जांच करने के लिए टीम का गठन किया गया।