धामना गांव निवासी रामफ ल रजक, रचकू कुशवाहा, बैदऊ निवासी गुरदयाल घोष, कुर्राई निवासी दिव्यांग प्रमोद यादव, विजरावन निवासी लालाराम अहिरवार सुबह 5 बजे से रात का बस खाना, कपड़े बांधकर खाद के लिए निकले थे। उसके बाद भी टोकन नहीं मिल पाया। दोपहर 3 बजे खाना निकाल कर खाने लगे। उसके बाद फिर खाद की व्यवस्था में लग गए।
कुर्राई निवासी शंकर यादव ने बताया कि डीएपी की बहुत जरुरत थी। मिल भी नहीं रहा था, खेत को देखकर दुख होता था। शाम ४ बजे तक १६५ टोन में से मात्र 7० किसानों को ही खाद मिल पाया था। उसके बाद मुझे एक बोरी डीएपी खाद मिल गया। उसी दौरान खाद वितरण केंद्र पर देवी देवतीओं के नाम नारियल फोड़ा और प्रसाद वितरण करके खेत बोने के लिए निकल गया।