टीकमगढ़

नरवाई में आग लगाकर किसान खेतों की मिट्टी को कर रहे खराब

रबी की कटाई खत्म होने के बाद किसान खेतों की नरवाई में आग लगा रहे है। इस आग से खेतों की मिट्टी तो खराब हो ही रही है।

टीकमगढ़May 20, 2019 / 08:09 pm

akhilesh lodhi

Agriculture Department is not making awareness to farmers

टीकमगढ़.रबी की कटाई खत्म होने के बाद किसान खेतों की नरवाई में आग लगा रहे है। इस आग से खेतों की मिट्टी तो खराब हो ही रही है। इसके साथ ही वायुमंडल भी तबाह हो रहा है। इस आग से मिट़्टी सहित हजारों जीव जंतु छटपटाते हुए दम तोड़ रहे है। इस नुकसान को रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा न तो किसानों को जागरूक किया जा रहा है और न ही कृषि विस्तार अधिकारियों को किसानों के बीच पहुंचा रहे है। कृषि विभाग के जागरूकता शिविर सिर्फ विभाग तक ही सीमित नजर आ रहे है।
जिले में हजारों हैक्टेयर क्षेत्र की फसल कटाई के बाद सफाई के नाम पर नरवाई जलाई जा रही है। यह नरवाई ना सिर्फ खेती की मिट्टी बल्कि वायुमंडल को भी खराब कर रहा है। इसकी आग में हजारों जीव जंतु छटपटाते हुए दम तोड रहे है। जागरूकता के अभाव में किसान खेतों की उर्वरता क्षमता को भी नष्ट कर रहे है। यह आग किसानों द्वारा खेतों में नरवाई जलाने के लिए लगाई जा रही है। विभाग के अनुसार नरवाई की यह आग पशु चारे खेतों की उर्वरता क्षमता मिट्टी की जलग्रहण क्षमा,जैव विविधता को भी नष्ट कर रही है। इस आग में असंख्य जीव जंतु जिंदा जल रहे है। जिसको लेकर खेतों की उर्वरता और वायुमंडल पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
आग लगने में भी खतरा
बर्तमान में निरंतर मौसम के बदलाव का क्रम जारी है। कभी तेज हवा, तो कभी बारिश, तो कभी तेज गर्मी। नरवाई जलाने के दौरान तेज हवा या आंधी से आग लगने का खतरा भी बना हुआ है। इसके साथ ही कई बार जिले में में नरवाई के जलाने के दौरान कई जगहों पर आग लग गई है। इससे किसानों द्वारा पश्ुाओं को लिए एकत्रित रखा गया भूसा भी जलकर राख हो गया है। कृषि विभाग ने बताया कि किसान एक दूसरे की देखा देखी कर रहे है। अगर एक किसान ने नरवाई में आग लगाई है तो उसे देख दूसरा किसान भी नरवाई में आग लगा रहा है। खेतों में रोटोवेटर या अन्य कृषि यंत्र चलाकर नरवाई को मिट्टी में ही मिला दे। जिससे की भूमि की उर्वरता शक्ति बनी रहे।

नरवाई में आग लगने से यह होता है नुकसान
नरवाई में आग लगने के बाद मिट्टी उर्वरता कम होने के साथ फसलों की पैदावार घटती जाती है। जिसमें सल्फर ऑक्साइड,ऑक्सीजन और कार्बनडाई ऑक्साइड कमी हो जाती है। मिट्टी में जो गैंसे मिली है। वे भी अपनी सीमा से अधिक मात्रा में नहीं रह पाती। खेत में आग लगाने से खेतों के लिए फायदा पहुचाने वाले जीव भी आग से भष्म हो जाते है। इसके साथ ही कई जीवों के अंडे खेतों में जलकर राख हो जाते है। आग लगने के दौरान गिरगिट,सांप,चूहों,छिपकलियों, और नेवलों सहित ऐसे कई जीव जंतुओं को छटपटाते दम तोडते हुए देखा जा सकता है।
उर्वरता शक्ति को कम न करें किसान
किसान नरवाई जलाकर खेती की उर्वरता शक्ति को कम ना करें। भूमि में कई ऐसे सूक्ष्म तत्व होते है जो नरवाई जलाने पर नष्ट हो जाते है। जो कि खरीफ फसल के लिए हानिकारक है। नरवाई जलाने से जैविक अंश भी खत्म हो जाते है। इसके दुष्परिणाम किसानों की आगामी फसल पर देखने को मिलते है। जागरूकता के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विस्तार अधिकारियों को छोड़ा गया है।
एसके श्रीवास्तव उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग टीकमगढ़।

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