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एंबुलेंस के ईएमटी ने बचाई नवजात की जान

ईएमटी और नवजात

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ईएमटी और नवजात

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गंभीर हालत में बड़ागांव धसान से जिला अस्पताल किया रेफर

टीकमगढ़. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित एंबुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने ऊपर की स्वास देकर एक नवजात शिशु की जान बचा ली। गंभीर हालत में डॉक्टर की सलाह पर बड़ागांव धसान से जिला अस्पताल रेफर किया गया। अब शिशु स्वस्थ्य बताया जा रहा है।
एंबुलेंस के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुरेंद्र गंगवार ने बताया कि बड़ागांव धसान क्षेत्र के मौखरा गांव से एंबुलेंस के लिए कॉल आया था। गर्भवती रानी नामक महिला २२ वर्ष को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। नवजात शिशु को जन्म दिया, लेकिन गंभीर हालत थी। उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। रास्ते में नवजात को स्वास संबंधी समस्या आने लगी, जिससे उसकी तबीयत बिगडऩे लगी।सभी को घबराहट होने लगी। इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन राजेश कुशवाहा ने ईआरसीपी डॉक्टर शुभम की सलाह ली और नवजात को सीपीआर (ऊपर की सांस से हदय की धडक़न को पुन: स्थापित करने ) दे दिया। अंबु बैग की मद्द से बच्चे को आक्सीजन दी गई। उनका कहना था कि जिला अस्पताल आने के पहले संबंधित डॉक्टरों से संपर्क किया। दोनों को सुरक्षित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस समय दोनों स्वस्थ्य है। एंबुलेंस के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर का कहना था कि इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन राजेश कुशवाहा और पायल पवन कुमार तिवारी ने एक नवजात की जान बचा ली। उनका कहना था कि प्रतिदिन हार्ट अटैक, सडक़ दुर्घटना के पीडि़तों को आनन-फानन में अस्पताल लाया जाता है। परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस जीवनदायनी है और उसे सडक़ पर समय के पहले साइड दे। जिससे अपनों के साथ दूसरों की जान बचा सके।