लोगों का मतदान के प्रति कम रूझान हमेशा ही मजबूत लोकतंत्र के लिए एक चुनौती माना जाता रहा है। मजबूत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि सभी लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करें, ताकि एक सर्वमान्य सरकार का गठन हो सकें। इसके लिए निर्वाचन आयोग द्वारा लंबे समय से प्रयास किए जा रहे है। मतदान के प्रति लोगों का सबसे कम रूझान लोकसभा चुनाव में ही देखने को मिलता है। ऐसे में निर्वाचन आयोग के लिए हर बार मत प्रतिशत बढ़ाना एक चुनौती होता है। इस बार भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा कई प्रयास किए गए है। इस बार तो जिले में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ कुमार सुमन ने हर घर में पीले चावल भेज कर लोगों से मतदान करने की अपील कराई है। लेकिन अब इसके सार्थक प्रयास देखने को मिल रहे है। जिले के बाहर काम करने वाले अनेक लोग केवल मतदान के लिए वापस अपने घरों को आ रहे है। इसमें नौकरीपेशा, गृहणी सहित अन्य युवा भी शामिल है।
हमारे भविष्य के लिए वोट जरूरी है: क्लेट के छात्र सर्वज्ञ बिलगैयां मतदान करने के लिए अपने शहर टीकमगढ़ आए है। वह वर्तमान में दिल्ली हाईकोर्ट में इंटर्नेंशिप करने गए थे। उनका कहना है कि स्वास्थ्य लोकतंत्र के लिए वोट जरूरी है। हम वोट भी न दे और सरकार की नीतियों को कोसते रहे, यह गलत है। वोट सभी को देना चाहिए। उनका कहना है कि वोट करके वह वापस दिल्ली जाएंगे।
वोट हमारा अधिकार है: लोकसभा के लिए वोट करने के लिए शोभा रावत भी अपने घर टीकमगढ़ आ रही है। वह गृहणी है। उनके पति राजेन्द्र रावत शासकीय सेवक है। वह बच्चों को लेकर केवल वोट देने टीकमगढ़ आई है। कल वोट देकर वह वापस टे्रन से छतपुर जाएंगी। उनका कहना है कि वोट हमारा अधिकारी है। पांच साल में देश के लिए इतना तो हम सभी का फर्ज बनता ही है।
जरूरी है मतदान: छतरपुर में ही स्वास्थ्य विभाग में जिला समन्वयक के पद पर पदस्थ दीपेश नायक का कहना है कि मतदान बहुत जरूरी है। हम लोग पिछले एक माह से लोगों से मतदान करने की अपील कर रहे है। ऐसे में हम ही वोट देने न जाए, ऐसा कैसे हो सकता है। उनका कहना है कि इस बार उनकी चुनाव ड्यूटी नही लगी तो वह खुद वोट देने आ गए। वह अपने साथियों से भी अपील करेंगे कि वह सभी वोट करें। यह लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है।
देश की दिशा तय करता है वोट: साफ्टवेयर इंजीनियर रोहित राज मिश्रा बैंगलोर से वोट करने के लिए अपने घर आए है। रोहित राज मिश्रा को पहली बार मतदान करना है। वह विधानसभा में वोट नही कर पाए थे। मतदान को लेकर वह खासे उत्साहित है। उनका कहना है कि हमारा वोट केवल एक प्रत्याशी का चयन नही करता, बल्कि यह देश की दशा और दिशा तय करता है।
पांच साल में मिलता है अवसर: वहीं छतरपुर में पदस्थ शिक्षक रविन्द्र रावत भी मतदान करने के लिए अपने घर पहुंचे है। उनका कहना है कि पांच साल में एक बार यह अवसर मिलता है। जब तक सभी लोग वोट नही करेंगे, सही सरका चुनकर सामने नही आएगी। यदि लोग चाहते है कि उन्हें एक अच्छी सरकार मिले तो उन्हें वोट अवश्य करना चाहिए।