युवाओं ने रैली निकालकर कराया बाजार बंद
भीम सेना सहित अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के द्वारा सोमवार सुबह से ही बाजार बंद कराने को लेकर सक्रियता दिखाई गई। बाइकों पर सवार होकर युवाओं ने नगर में निकलकर जबरन बाजार बंद कराया। इस दौरान चाय-नाश्ता और मेडिकल की दुकानें खुली रही। सुबह करीब 11 बजे स्थानीय नजरबाग मैदान में युवाओं की टोली एकत्रित हुई। कोतवाली टीआई नवल आर्य, देहात थाना प्रभारी त्रिवेंद्र त्रिवेदी के साथ भारी पुलिस की मौजूदगी में रैली शुरू हुई।
डीजे के साथ नीले झंडों को लेकर जय भीम जय भारत के नारे लगाते हुए रैली नजरबाग से गांधी चौक, स्टेट बैंक चौराहा,पपौरा चौराहा, कटरा बाजार, जवाहर चौक, नजाई बाजार, लुकमान चौराहा होते हुए सिविल लाइन से कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। जहां ज्ञापन देकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति एक्ट में किए गए संशोधनों को लेकर न्यायालय में रिवीजन दायर करने और संसद में कानून बनाने की मांग की।
खुल गया बाजार, कारोबार शुरू
कलेक्टर कार्यालय पर ज्ञापन देने के बाद रैली के लौटने के साथ ही नगर का बाजार भी धीरे-धीरे खुल गया। इस दौरान चौराहों पर पुलिस तैनात रही। नगर के साथ ही खरगापुर में दलित संगठनों के साथ महिलाओं ने अगुवाई करते हुए रैली निकालकर बंद कराया। इस दौरान तहसीलदार को ज्ञापन देने को लेकर तहसील कार्यालय पर धरना दिया गया। वहीं बल्देवगढ़,निवाड़ी और पृथ्वीपुर सहित अन्य नगरों में बंद का मिलाजुला असर रहा।
बस रोकी और दुकान का सामान भी फेका
रैली के दौरान युवाओं के द्वारा केंद्र सरकार के विरोध में नारे बाजी की गई। रैली के दौरान ही यात्री बस के बीच में आ जाने से कुछ युवाओं ने उसे घेर लिया। हालांकि इस दौरान पुलिस की सक्रियता से बस को भीड़ से निकाल दिया गया। रैली के अस्पताल चौराहा और कुंवरपुरा रोड पर पहुंचने पर कुछ दुकानों को जबरन बंद कराया गया। जैसे ही रैली कलेक्टर कार्यालय पहुंची तो वहां कुछ युवाओंं ने चाय नाश्ता की दुकान का सामान फेंक दिया। इस दौरान दलित संगठनों के द्वारा ज्ञापन देने के लिए कलेक्टर को बुलाने की मांग की गई। कलेक्टर के कार्यालय में न होने पर युवाओं ने कार्यालय के सामने धरना देते हुए जाम लगा दिया। इस दौरान एडीएम एस के अहिरवार की समझाइश के बाद संगठनों ने उन्हें अपना ज्ञापन दिया।