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बेटियों ने जाना कैसे काम करते है उनके पिता

locationटीकमगढ़Published: Sep 25, 2018 11:31:35 am

Submitted by:

vivek gupta

लोगों ने यहां अपनी बेटियों को अपने काम के विषय में जानकारी दी

Bitia Work Campaign

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टीकमगढ़. पत्रिका के बिटिया वर्क अभियान में शामिल होकर नगर के अनेक नौकरीपेशा एवं व्यापारी अपनी बेटियों को लेकर अपने कार्यस्थल पहुंचे। यहां पर बेटियों को अपने पिता के काम को जानने एवं समझने का मौका मिला। लोगों ने यहां अपनी बेटियों को अपने काम के विषय में जानकारी दी। अपने पिता के कार्यस्थल पर पहुंच कर जहां बेटियां उनका काम जानने के लिए उत्सुक दिखी, वहीं उनके काम को देखकर लगा कि उनके पिता का काम कितना जिम्मेदारी पूर्ण है।

ऑफिस- जिला पंचायत कार्यालय
बिटिया का नाम- संयोगिता (खुशी) सेन
पिता का नाम- राजीव सेन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत
पापा के कार्यालय में कम्प्यूटर पर ही अधिकांश काम किया जाता है। गॉव से जुडे विकास के कामों के साथ ही जिला पंचायत में आने वाली राशि के उपयोग की जानकारी पापा ने दी। उन्होंने बताया कि पापा ने मुझे बताया कि वह कैसे काम करते है। उनके कार्यालय के अन्य लोगों के कामकाज के बारे में बताया गया। काम तो थोडा मुश्किल है। यहां पर बहुत से लोग आते है। सबसे बात करके उन्हें सरकारी नियमों की जानकारी दी जाती है।

 

ऑफिस- महाकाल बिल्डर्स
बिटिया का नाम- प्रियांशी खरे
पिता नाम- रानू खरे
हमारे पापा के द्वारा लोगो को घर बनाने के लिए जमीन बेची दी जाती है। पापा ने बताया कि ऑफिस में साइड के नक्शे रखे रहते है। अपनी साइड के बारे में कार्यालय आने वालों को वहां की खूबियां बताई दी जाती है। पापा ने बताया कि लोगों को उनके बजट में घर के लिए जमीन देने के साथ ही आसान किश्तों में भी देते है। यहां आकर मालूम हुआ कि किस तरह साइड में पार्क,मंदिर और सडकें बनाकर देने से सुविधाओं के साथ अच्छे दाम भी मिल जाते है।
ऑफिस- न्यू राज मेडीकल पृथ्वीपुर
बिटिया का नाम- कैसनूर
पिता का नाम- वशीर मोहम्मद संचालक
आज हमने पापा के मेडीकल स्टोर पर आकर देखा। पापा का काम बीमार लोगो के साथ उनके परिजनों को दवा देने का है। किसी कारण से बीमार लोगो से पापा प्यार से बात करते है। डॉक्टर के द्वारा दी गई दवा की जानकारी मरीज को देते है। इस काम में लोगों को संतुष्ट करना बड़ी बात है। दवा देने के दौरान मरीज के द्वारा कम रुपए होने पर पहचान होने पर बाद में लेने के लिए कहा जाता है। यहां देखकर पता चला कि बीमारी में भी प्यार से बात करना दर्द को किस तरह कम कर देता है।

 

ऑफिस- रामजी मोर्टस
बिटिया का नाम- आयुषी सोनी
पिता का नाम- दिलीप कुमार सोनी (गोली)
मेरे पापा जी बाइक की दुकान है ,लोगों को बाइक देते हैं । यहां पर शोरूम में बहुत सारी बाइक देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा है । शोरूम में कई लोग काम भी करते हैं । बाइक्स को खरीदने के लिए आने वाले ग्राहकों को पापा द्वारा सभी जानकारियां दी जाती हैं। मैंने आज देखा की यहां पर पापा के पास बहुत सारा काम होता है ,साथ ही मेरे पापा द्वारा शोरूम से संबंधी होने वाली काम की जानकारी भी दी गई।

ऑफिस- शिवा इलेक्ट्रिानिक्स
बिटिया का नाम- पलक और परी
पिता का नाम- जीतू भागवानी
मेरे पापा की दुकान में घर के उपयोग का सामान बेचा जाता है। शोरूम में बहुत सारी टीवी,फ्रिज,वाशिंग मशीन रखी रहती है। छोटी से लेकर बड़ी टीवी और फ्रिज के काम करने के बारे में पापा ने बताया । मुझे बहुत अच्छा लगा है । शोरूम में कई लोग काम भी करते हैं । सामान खरीदने के लिए आने वाले ग्राहकों को पापा द्वारा सभी जानकारियां दी जाती हैं। हमने आज देखा कि पापा के पास बहुत सारा काम होता है ,लोगों के द्वारा सामान लिए जाने के बाद उनके घर तक भेजने का काम जिम्मेदारी के साथ करना होता है।

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