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बेरहम पिता, जमीन पर कब्जा किए दुश्मनों को फंसाने कर दी अपनी बेटी की हत्या

locationटीकमगढ़Published: Apr 20, 2019 03:47:10 pm

Submitted by:

anil rawat

बच्चों की सलामती के लिए जहां मां-बाप सारी संपत्ति दांव पर लगा देते है, वहीं एक कलयुगी पिता ने इसी संपत्ति के लिए अपनी बेटी की ही हत्या कर दी।

Blind massacre reveals

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टीकमगढ़. अपने बच्चों की सलामती के लिए जहां मां-बाप सारी संपत्ति दांव पर लगा देते है, वहीं एक कलयुगी पिता ने इसी संपत्ति के लिए अपनी बेटी की ही हत्या कर दी। इस सनसनी खेज हत्याकांड ने जहां पिता जैसे पवित्र रिश्तें को कलंकित कर दिया है, वहीं बुंदेलखण्ड में बेटियों को लेकर कुल लोगों की क्या मानसिकता है, यह भी साफ कर दिया है। पुलिस ने इस हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।


दो दिन पूर्व 18 अप्रैल को लिधौरा थाने के ग्राम सतगुंवा में दीक्षा पुत्री रहीश यादव 15 वर्ष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के समय दीक्षा अपने खेत पर अपनी छोटी ***** गौरा के साथ सो रही थी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को मृतिका के पिता रहीश ने बताया कि गांव के ही रामसिंह यादव, कैलाश यादव, विनोद यादव, फूलसिंह यादव, रत्तू यादव एवं बैजनाथ यादव ने उसकी पुत्री की हत्या की है। उसका आरोप था कि जमीनी विवाद के चलते आरोपियों ने उसकी पुत्री की हत्या की है। वहीं मृतिका दीक्षा के साथ सो रही उसकी छोटी ***** गौरा का कहना था कि उसे पता ही नही चला कि उसकी ***** की हत्या कब हुई है।

 

Blind massacre reveals

विरोधाभाषी बयानों से खुला राज: इस घटना के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की तो पुलिस समझ गई कि घटना वैसी नही है, जैसी बताई जा रही है। इस घटना के बाद मृतिका का पिता रहीश यादव बता रहा है कि आरोपी उसे मारने आए थे और वह इन्हें देखकर भाग गया था। कुछ देर बाद उसे तीन गोली चलने की आवाज आई। वहीं मृतिका के साथ सो रही उसकी छोटी ***** गौरा 12 वर्ष यह कह रही थी कि उसे पता ही नही चला कि उसकी ***** की हत्या कब हो गई है। वहीं कुछ देर बाद वह भी यह कहती दिखाई दी कि उक्त 6 लोगों ने उसकी ***** की हत्या की

 

है।पिता ही निकला हत्यारा: इन विरोधाभाषी बयानों को देखकर पुलिस ने मामले की जांच की और आप-पड़ौस के लोगों से गंभीरता से पूछताछ शुरू की। वहीं पुलिस को यह बात भी खटक रही थी कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई बच्चों को मार रहा हो और पिता वहां से भाग जाए। वहीं उसकी छोटी ***** के बदलते बायानों ने भी पूरी घटना को संदेहास्पद बना दिया। इसके बाद जो सामने निकल कर आया वह सभ्य समाज के लिए किसी कलंक से कम नही था। इस पूरी घटना का राज उस समय खुला जब पुलिस ने मृतिका की छोटी ***** गौरा को बुलाकर पूछताछ की। इसके बाद साफ हो गया कि पिता रहीश ने ही उसकी हत्या की थी। पुलिस ने आरोपी रहीश को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने पूरा सच पुलिस को बता दिया।

दुश्मनों को फंसाने उठाया कदम: घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने बताया कि आरोपी रहीश का गांव के ही रामसिंह यादव, कैलाश यादव, विनोद यादव, फूलसिंह यादव, रत्तू यादव एवं बैजनाथ यादव से जमीन का विवाद चल रहा था। यह लोग रहीश की जमीन पर कब्जा किए हुए थे। इन लोगों को रास्ते से हटाकर अपनी जमीन वापस पाने के लिए रहीश ने यह षणयंत्र रचा और अपनी पुत्री की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपनी छोटी बेटी गौरा को धमका कर कहा कि वह इस बारे में किसी को न बताए। इसके बाद वह मौके से भाग गया। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस के सामने रहीश ने पूरी मनगढ़ंत कहानी बता कर जमीन पर कब्जा किए उक्त लोगों के द्वारा उसकी बेटी की हत्या करने की बात कहीं। पुलिस ने रहीश को गिरफ्तार करने के साथ ही उसके पास से घटना में प्रयुक्त 315 बोर की रायफल भी बरामद कर ली है।

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