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टमाटर, बैंगन व भिंडी में लगी होड़

locationटीकमगढ़Published: Jul 11, 2019 12:43:59 pm

Submitted by:

vivek gupta

सर्राफा बाजार में भी सुस्ती का आलम

budget ka dikhne laga asar kichen huaa mahga

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टीकमगढ़. मानसून शुरू होने के साथ ही बाजार में चहल-पहल कम है। सर्राफा बाजार में भी सुस्ती का आलम है। बुधवार को भड़ल्या नवमी के बाद से वैवाहिक व शुभकार्य नहीं होने से बाजारों में एक तरह से मंदी का माहौल है। सर्राफा बाजार से लेकर कपड़ों तक की दुकानों पर अपेक्षाकृत ग्राहकों की भीड़ कम होने लगी है।जानकारों का मानना है कि मानसून के बाद त्यौहारी सीजन के बाद ही बाजार में उठाव होने की संभावना है।


केन्द्रीय बजट में सोने पर आयात ड्यूटी बढ़ाए जाने का असर भी सर्राफा बाजार पर पड़ा है।सोने के दाम में बढ़ोतरी होने के कारणभी ग्राहकों ने मुंह फेरना शुरू कर दिया है। इ सका सीधा असर बाजार पर पड़ा है। िदन भर में इक्का-दुक्का ग्राहक ही सर्राफा की दुकानों में पहुंच रहे हैं।
फिलहाल, सर्राफा बाजार में अस्थिरता का माहौल है। बाजार में सोने के दामों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।मंगलवार को प्रति दस ग्राम सोना नकद 34,110 रुपए का रहा। वहीं आरटीजीएस व चेक से सोना लेने पर ग्राहकों को 35,३०० रुपए का भुगतान करना पड़ा।गौरतलब है कि आम बजट से पूर्व सोने का भाव प्रति दस ग्राम 33,200 रुपए था। वहीं आरटीजीएस व चेक से सोना लेने पर प्रति दस ग्राम 33,6 00 रुपएथा।
दूसरे शहरों से आता है सोना
सर्राफा व्यापारी विवेक सोनी ने बताया कि टीकमगढ़ शहर में दिल्ली, मुंबई, मेरठ, राजकोट तथा इंदौर से सोना आता है।शहर के सर्राफा व्यापारी इन्हीं शहरों से व्यापार करते हैं।

बढ़ा है होलमार्क का प्रचलन
टीकमगढ़ शहर में होलमार्क का प्रचलन बढ़ा है।शहर के सर्राफा व्यापारी अंकित पोतदार का कहना है कि होलमार्क वाले आभूषण की विशेषता यह होती है कि इस पर आईएसआई मार्क लगा होता है।इसी कारण बाजार भाव के हिसाब से 90 प्रतिशत राशि मिलने की एक तरह से गारंटी होती है।इसी कारण कई लोग होलमार्क वाले आभूषणों में निवेश भी करते हैं।
इनका कहना है
सोने का दाम बढऩे से आभूषण खरीदना अब मध्यम वर्ग के लोगों के लिए एक तरह से सपना हो गया है।
भावना राय, गृहणी

सोने पर आयात ड्यूटी बढाए जाने के कारण मध्यम व गरीब तबके के लोगों के लिए सोने के आभूषण खरीदना दूभर हो गया है।
सुषमा यादव, गृहणी

टमाटर, बैंगन व भिंडी में लगी होड़
टीकमगढ़ जिले में मानसून की अच्छी बारिश होने के बाद सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। आलम यह है कि टमाटर, बैगन व भिंडी में एक तरह से होड़ लग गई है।दाम के मामले में कोई भी सब्जी किसी से पीछे नहीं रहना चाहती।सब्जियों का दाम बढऩे से रसोई का जायका तो बिगडऩे के साथ ही लोगों की जेबें भी हल्की होने लगी है।
शहर की मंडियों में एक सप्ताह के दौरान औसतन ३० प्रतिशत तक सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं।मंडियों में टमाटर, बैगन, भिंडी, अरबी, लौकी सहित आलू-प्याज के दाम भी बढ़े हैं।

खेतों में भरा पानी
बारिश के बाद खेतों में पानी भरने से सब्जियां कम निकलने से दामों में उछाल आया है।ज्यादातर सब्जी की खेतों में पानी जमा होने के कारण टमाटर, लौकी व भिंडी की फसल डूब गई है। ऐसे में बाजारों में आवक कम होने से सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ है।

डीजल का दाम बढऩे का भी असर
आम बजट में डीजल व पेट्रोल का दाम बढऩे से वाहन संचालकों के द्वारा भाड़ा बढ़ाए जाने से भी सब्जियों के दाम बढऩे लगे हैं।अमूमन बारिश के बाद सब्जियों के दाम में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है, लेकिन इस बार डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने के कारण कुछ अधिक बढ़ोतरी हुई है।
सब्जी पहले अब
टमाटर ३० ४० बैगन ३० ४०
भिंडी ३० ४०
अरबी ३० ४०
लौकी २० ३०
शिमला मिर्च ६० ८०
मुरार ७० ८०
प्याज १५ २०
(भाव रुपए प्रति किलोग्राम में)

इनका कहना है
सब्जियों का दाम बढऩे से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है।
सोनम तिवारी, गृहणी
वैसे जुलाई में स्कूल खुलने के बाद खर्च बढ़ जाता है वहीं सब्जियों के दाम बढऩे से रसोई का बजट बिगड़ गया है।
प्रियंका राजा बुंदेला, गृहणी

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