ओरछा पहुंचने वाले पर्यटकों बुंदेली शिल्प के प्रति खासे आकर्षित होते दिखाई दे रहे है। ओरछा के महल एवं अन्य स्मारकों पर बुंदेली शैली से बनाए गए चित्र इनकी खास पसंद होते है। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग द्वारा जहां विलुप्त होती जा रही बुंदेली शैली को फिर से जीवित करने यहां पर 6 माह की कार्यशाला शुरू की गई है तो अब एक एकड़ में यहां पर शिल्प ग्राम का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन विभाग के उपयंत्री पीयूष वाजपेयी ने बताया कि शासन के निर्देशन पर इसकी तैयारी की जा रही है। यहां पर शिल्प ग्राम की स्थापना कर बुंदेली शिल्प के कारीगरों को प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके सामान की बिक्री करने की व्यवस्था की जाएगी।
खासी पसंद आ रही बुंदेली पेंटिंग इसके लिए काम करने वाले मास्टर ट्रेनर शुभम दुबे ने बताया कि बुंदेली शैली की पेंटिंग विदेशी पर्यटकों की खास पसंद बनी हुई है। तमाम देशों के पर्यटक बुंदेली आर्ट गैलरी में जरूर आते है। वह यहां से न केवल पेंटिंग खरीदते है, बल्कि कई तो इसे सीखने में भी जुट जाते है।
उनका कहना था कि पिछले एक माह में यहां से फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया, लंदन सहित अन्य देशों के कई पर्यटक पेंटिंग साथ ले गए है। इससे यहां पर सीखने वाले बच्चों को अब तक 30 से 40 हजार रुपए की कमाई भी हो चुकी है।
शुभम दुबे ने बताया कि खजुराहो एयर पोर्ट से आर्ट गैलरी को 60 बुंदेली शैली का आर्डर मिला है। अब वहां के एयर पोर्ट पर भी बुंदेली शैली के चित्र दिखाई देंगे। हर चीज का दिया जाएगा प्रशिक्षण
पीयूष वाजपेयी ने बताया कि यहां पर कलाकारों को टेराकोटा, बांस, लकड़ी के साथ ही टैक्स टाइल्स में पेंटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं शुभम दुबे ने बताया कि यहां पर आने वाले पर्यटकों को पत्तों पर बनाई गई पेंटिंग के साथ ही हैंडमेड कैनवास, डायरी, पेपर, गुल्लक के साथ ही हैंडमेड बैग आदि पर की गई कलाकारी खास पसंद आती है।