टीकमगढ़

खुद को बताते थे बैंक अधिकारी, बीमा क्लेम दिलाने के नाम पर करते थे ठगी

पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

टीकमगढ़Jul 21, 2019 / 12:37 am

नितिन सदाफल

cheating on the name of giving insurance claim

टीकमगढ़. खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों के साथ मोबाइल से ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। इनके पास से पुलिस ने ठगी में प्रयुक्त 8 मोबाइल एवं विभिन्न बैंकों के 6 एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। इन आरोपियों द्वारा पिछले दो-तीन साल से यह काम किया जा रहा था।
शनिवार को पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने पुलिस कंट्रोल रुम में एक ठगी के मामले का खुलासा किया। एसपी सुजानिया ने बताया कि 11 जुलाई को नए बस स्टैंड पर निवास करने वाले सूदनलाल नापित के साथ ठगी की गई थी। सूदनलाल को मोबाइल फोन पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर खुद को बैंक अधिकारी बताया गया था। इसके बाद उसके दामाद के एक्सीडेंट क्लेम के 9 लाख रुपए दिलाने के नाम पर सूदनलाल से 1 लाख रुपए अपने खाते में डलवाए गए थे। सूदनलाल ने जैसे ही 1 लाख रुपए आरोपी के खातें में डलवाए थे, उसी दिन से उसका मोबाइल बंद हो गया था। इसके बाद सूदनलाल ने इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस से की थी।
यह सामान हुआ जब्त- पुलिस को आरोपियों ने बताया कि वह लोग पिछले दो-तीन साल से ठगी का काम कर रहे हैं। इन लोगों ने पूर्व में कनेरा चौकी के ग्राम बम्हौरीकलां निवासी जगन्नाथ कुशवाहा से भी 74500 रुपए की ठगी की थी। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से विभिन्न कंपनियों के 8 मोबाइल फोन, 6 एडीएम कार्ड, अन्य व्यक्तियों के नाम के दस्तावेज, एलसीडी, एक कार, मोटर साइकिल एवं अन्य सामान बरामद किया हैं।

साइबर सेल की मदद से खुला राज
एसपी सुजानिया ने बताया कि कोतवाली पुलिस के पास मामला आने के बाद उन्होंने थाना प्रभारी एमके जगेत को निर्देश दिए और एक टीम का गठन किया। साइबर सेल की मदद से सूदनलाल रजक के पास आए फोन नंबर को ट्रेस कर, लगातार उसका पता किया गया। इसके पुलिस ने इस मामले में जेरौन थाने के ग्राम मातयाना खिरक निवासी राजेन्द्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में उसके सहयोगी आरोपी अनिल राय निवासी ग्राम मरगुवां थाना लिधौरा को भी घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ के बाद इन आरोपियों ने
पूरा राज खोल दिया।

ऐसे करते थे ठगी
यह लोग क्योस्क के माध्यम से दूसरे लोगों के नाम पर खाता खुलवाते थे। इसके बाद जब कोई इनकी ठगी का शिकार होता था तो दूसरे के नाम पर खुलवाए गए खातों में रुपए डलवाते थे। इस मामले के खुलासे में एसआई अनफासुल हसन, साइवर सेल के एसआई मयंक नगाइच, आरक्षक कैलाश, अर्पित सेन, मुस्ते हसन, रहमान खान, मुकेश राजगिर का योगदान रहा।

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