गणवेश बनाने आया कपड़ा इंदौर जांच केंद्र में हुआ फैल
टीकमगढ़Published: May 12, 2023 07:33:14 pm
जिले में दो वर्षों बाद गणवेश की ४ करोड़ ६५ लाख रुपए की राशि आई है। उसके लिए २ लाख फिट कपड़ा पॉलिस्टर 67 और विस्कोस 33 क्वालिटी का खरीदने के लिए तय किया गया था।


Check Polyester 75.6 and Viscose 24.4 in place of Polyester 67 and Viscose 33
टीकमगढ़. जिले में दो वर्षों बाद गणवेश की ४ करोड़ ६५ लाख रुपए की राशि आई है। उसके लिए २ लाख फिट कपड़ा पॉलिस्टर 67 और विस्कोस 33 क्वालिटी का खरीदने के लिए तय किया गया था। उसी के आधार पर वेंडरों द्वारा कपड़ा खरीदा गया था। जिसकी क्वालिटी संदेह के घेरे में आ गई। ३० अप्रेल को जांच के लिए गणवेश का कपड़ा इंदौर भेजा गया। जिसकी जांच रिपोर्ट ९ मई को एनआरएलएम के पास आई। जिसमें सलवार और शर्ट का पकड़ा फैल बताया गया। उसके बाद भी गणवेश निर्माण चालू है।
वर्ष २०२२ का टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में २ लाख से अधिक गणवेश बनाने करने का लक्ष्य दिया गया। उसके लिए २१० स्व सहायता समूहों द्वारा गणेवश बनाने का कार्य ३१ सिलाई सेंटरों द्वारा किया जा रहा है। इनके द्वारा २२ हजार गणवेश तैयार किया गया। कपड़े की क्वालिटी संदेह के घेरे में आई तो वेंडरों द्वारा लिए गए कपड़े की जांच करने बात की गई। विभाग में हलचल हुई तो टीकमगढ़, बल्देवगढ़, पलेरा, जतारा, पृथ्वीपुर और निवाड़ी के वेंडरों द्वारा खरीदा गया कपड़ा जांच के लिए इंदौर भेजा गया। जिसमें कक्षा ६ और ७ के बच्चों के लिए आने वाला कपड़ा फैल हो गया। उसके बाद भी एनआरएलएम विभाग द्वारा गणवेश तैयार किया जा रहा है।
गणवेश में पॉलिस्टर 67 और विस्कोस 33 का होना चाहिए कपड़ा
गणवेश के लिए पॉलिस्टर 67 और विस्कोस 33 का कपड़ा होना चाहिए। उसकी जांच की गई। जिसमें टीकमगढ़ ब्लॉक में कक्षा ६ और ७ के बच्चों का कपड़ा जांच में पॉलिस्टर 7४.२ और विस्कोस २५.८, बल्देवगढ़ में पॉलिस्टर 7५.६ और विस्कोस २४.४, जतारा में पॉलिस्टर 7४.२ और विस्कोस २५.८, पलेरा में पॉलिस्टर 7४.४ और विस्कोस २५.६ , निवाड़ी में पॉलिस्टर 7५.९ और विस्कोस २४.१ का कपड़ा फैल बताया गया। सिर्फ पृथ्वीपुर में पॉलिस्टर और विस्कोस में कपड़ा पास हो पाया है।