कुण्डेश्वर के खैराई के जंगलों में पिछले कुछ कई वर्षों से चीतल एवं नील गाय का प्रमुख निवास बन गया है। यहां का वातावरण चीतल एवं नीलगायों को खासा रास आ रहा है। यहां पर इन जानवरों की संख्या में खासा इजाफा हो रहा है। लगातार बड़ रही चीतलों की संख्या के कारण अब यह क्षेत्र कम पडऩे लगा है। भविष्य में और संख्या बडऩे पर यहां पर इन जानवरों को समुचित आहार, भ्रमण संबंधि समस्याएं हो सकती है। इसे देखते हुए वन विभाग ने इन्हें शिफ्ट करने की योजना बनाई है।
मिली केन्द्र से अनुमति: इस संबंध में जिला वन मंडल अधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इसके लिए पूरी योजना बनाकर शासन के पास भेजी गई थी। शासन ने इसे स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार के पास भेजा था। वहां से चीतलों को सुरक्षित तरीके से शिफ्ट कराने की स्वीकृति मिल गई है। डीएफओ सिंह ने बताया कि अब गर्मियां शुरू हो चुकी है, ऐसे में इनकी शिफ्टिंग आसान नही होगी। इसलिए गर्मियों के मौसम के बाद शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गर्मियों में शिफ्टिंग से खतरा: डीएफओ सिंह का कहना है कि गर्मियों में चीतल की शिफ्टिंग से उनकी जान को खतरा हो सकता है। क्यों कि चीतल बहुत तेजी से भागते है। इससे उनका रक्त संचार बहुत तेज हो जाता है। गर्मियों के मौसम में यह और भी ज्यादा होता है। जब इन्हें पकड़ा जाएगा तो यह निश्चित रूप से भागेंगे। ऐसे में ब्लड प्रेशर हाई होने से इनके हार्ट फेल होने का खतरा ज्यादा हो जाता है। इसलिए यह प्रक्रिया गर्मियों के बाद अपनाई जाएगी।
आधे चीतल होंगे शिफ्टि: वन विभाग यहां से लगभग आधे चीतलों को शिफ्ट करेगा। वर्तमान में यहां पर 200 से अधिक चीतल है। जबकि इससे ज्यादा नीलगाय यहां पर मौजूद है। ऐसे में यह क्षेत्र इन दोनों प्रजातियों के लिए कम पडऩे लगा है। भविष्य में इनकी संख्या में और इजाफा होने पर यहां पर समस्या होगी। इसे देखकर विभाग यह कदम उठा रहा है।
बनेगा अनुभव प्रक्षेत्र: विदित हो कि यहां पर दिनों-दिन बड़ रही जानवरों की संख्या एवं सुरक्षित वन परिक्षेत्र को वन विभाग अब अनुभव प्रक्षेत्र के रूप में विकसित करेगा। इसके लिए विभाग पूरा प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है। अनुभव प्रक्षेत्र निर्मित होने के बाद यह आम लोगों के लिए खोला जाएगा और लोग यहां पर जाकर वन प्राणियों को नजदीक से देख सकेंगे। लगभग अगले वर्ष तक यहां पर काम शुरू होने की संभावना है।
कहते है अधिकारी: कुण्डेश्वर वन परिक्षेत्र के खैराई के जंगलों के चीतलों को ओरछा में शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए शासन स्तर से मंजूरी मिल चुकी है। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर गर्मियों के बाद यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी।- चंद्रशेखर सिंह, डीएफओ, टीकमगढ़।