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२३ हजार से अधिक पंजीकृत इकाई तलाश रहे लीज की जमीन, परम्परागत तरीक से उद्योगपति जमाए कब्जा

locationटीकमगढ़Published: Feb 18, 2019 06:11:38 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

ढोंगा औद्योगिक क्षेत्र में शासन ने कारखाने जमाने के लिए १९ से अधिक उद्योगपतियों को लीज पर प्लाट आवंटित किए थे।

Closed industry, department not taking action

Closed industry, department not taking action

टीकमगढ़.ढोंगा औद्योगिक क्षेत्र में शासन ने कारखाने जमाने के लिए १९ से अधिक उद्योगपतियों को लीज पर प्लाट आवंटित किए थे। जिसमें ३ अधिक उद्योगपतियों को दिए गए प्लाटों की लीज समाप्त हो गई है। इसके साथ ही १० से अधिक कारखाने बंद पड़े हुए है। उद्योगपतियों द्वारा जबरन पार्क की जमीन पर कब्जाकर कर लिया है। इसके साथ ही उन पर न तो लीज का इंट्रेस्ट जमा किया जा रहा है और न ही उन पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
शासन ने उद्योगपतियों को ३० और ९९ वर्षके लिए १९ से अधिक प्लाटों को लीज पर आवंटित किया था। लेकिन लीज के प्लाटों पर उद्योग न करके निजी कार्यो को किया जा रहा है। इसके साथ ही कारखाना न करके प्लाटों को भाड़े पर दिया गया है। वहीं ३ से अधिक उद्योग क्षेत्र के प्लाटों की लीज समाप्त कर दी गई है। कारखाना संचालक द्वारा लीज को बढाने के लिए संबंधित विभाग को पत्र दिए गए। इसके बादभी लीज निरस्त की गई है। जिसको लेकर उनके द्वारा न्यायालय की शरण ली है। वहीं पार्क के लिए छोड़ी गई जमीन पर उद्योगपतियों द्वारा कब्जा कर वाहन स्टेण्ड और कारखाने के सामनों को रखा गया है। लेकिन उद्योग विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बंद पड़े उद्योग, विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
औद्योगिक क्षेत्र जिले की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। लेकिन ढोंगा औद्योगिक क्षेत्र में १९ में से १० से ११ ही उद्योग संचालित किए जा रहे है। कई उद्योग वर्षो से बंद पड़े हुए है। नए उद्यमी उद्योग के लिए लीज की जमीनों की खोजबीन कर हरे है। लेकिन उन्हें न तो संबंधित विभाग द्वारा उचित जानकारी दी जा रही और न ही उनके द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
पार्को की जमीन पर उद्योगपतियों ने कर लिया कब्जा
ओद्याोगिक क्षेत्र में शासन द्वारा पार्को के लिए जमीन छोड़ी गई थी। उनमें उद्योगपतियों की मदद से विभाग द्वारा पार्को का निर्माण किया जाना था। लेकिन उन स्थानों पर पार्को की जमीन कई भी दिखाई नहीं दे रही है। उद्योगपतियों द्वारा पार्क ो की जमीन पर कारखानों के सामानों का रखकर फैसिंग कर दी गईहै। इसके साथ ही वाहन स्टेण्ड बना लिया गया है। पार्क नहीं होने के कारण कारखानों में मजदूरी करने वालों को पार्को की सूविधा से बंचित रहना पड़ रहा है।

लीज के प्लाटो पर जंग खा रही मशीने, नए उद्यमियों को नहीं मिल रहा मौका
सरकारी जमीन की लीज समाप्त होने के बाद भी परम्परागत तरीके से उद्योगपति लीज के प्लाटों पर कब्जा जमाए हुए है। वहीं जिले की बढ़ती जनसंख्या और पंजीकृत २३ हजार ६०६ कार्यरत और पंजीकृत है। इसके साथ ही इन नए उद्यमियों द्वारा नए औद्योगों की तलाश की जा रही है। लेकिन लीज की सरकारी जमीनों पर पहले से ही परम्परागत तरीके उद्योगपति द्वारा मशीनें लगाकर कब्जा जमाए बैठे है। जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ उद्योगपतियों के प्लाटों की लीज समाप्त होने पर उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ले ली है।
यह है औद्योगिक क्षेत्र के नियम
विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में लगे कारखानों से निकलने वाली हानिकारण गैंसे और डस्ट को बाहर जाने से रोकने के लिए डस्ट अरेस्टर लगाना चाहिए। जहां उद्योग संचालित की जा रही है उस क्षेत्र के तीन ओर बढ़ी दीवार बनी होनी चाहिए। पर्यावरण सुरक्षा के लिए सघन वृक्षारोपण करना चाहिए। नियम के तहत क्रेशर क्षेत्र मेेंं सुबह और शाम पानी का छिड़काव होना चाहिए। जिससे उद्योग की धूल न उड़े। उद्योग क्षेत्र के पास आबादी वाला क्षेत्र न हो, इसके साथ ही उद्योग नदी किनारे भी न हो। मजदूरों के लिए नाक और मुह पर मास्क हो।
उद्योग की डस्ट से होती है गंभीर बीमारियां
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. पीएल विश्वकर्मा ने बताया कि क्रेशर की डस्ट से आबादी क्षेत्र दूर होना चाहिए। उद्योगों के धुए और डस्ट से लोगों को उल्टी दस्त, फेफडों की बीमारी, टीवी, दमा, इलर्जी, नीमोनियोसिस, सिलीकोसिस सहित अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाता है। जिसके कारण लोगों को हमेशा जान का खतरा बना रहता है।
फैक्ट फायल
ढोंगा औद्योगिक क्षेत्र में लीज की प्लाटों की संख्या – १९
लीज समाप्त की संख्या – ३
जिले में उद्योग विभाग में कार्यरत और पंजीकृत उद्यमी – २३६०६
इनका कहना
ढोंगा औद्योगिक क्षेत्र के प्लाटों की लीज समाप्त हो गईहै। वह प्रकरण न्यायालय की शरण में है। उद्योग द्वोत्र में जो भी कारखाना संचाकल पार्क की जमीनों पर कब्जा जाएग बैठे है। उन संचालकों को जल्द ही नोटिस दिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी।
राजशेखर पाण्डे महाप्रबंधक उद्योग विभाग टीकमगढ़।
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