मामला ककरवाहा सेवा सहकारी समिति का है। यहां पदस्थ रहे प्रबंधक स्वामी प्रसाद सेन पर आरोप है कि उन्होंने समिति में साढ़े 9 लाख रुपए से अधिक का गबन किया। इसकी पड़ताल चल ही रही थी कि यह भी उजागर हुआ कि किसानों से ऋण वसूली के नाम पर जो राशि वसूल की उसे भी समिति या सहकारी बैंक में नहीं जमा कराया। पकड़े जाने के डर से स्वामी प्रसाद ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। लेकिन रसीद बुक साथ ले गए। सहकारी बैंक उसके खिलाफ जांच और कार्रवाई के लिए समिति प्रशासक को कहा गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की। इसका फायदा उठाते हुए स्वामी प्रसाद अभी भी किसानों से वसूली जारी किए हुए हैं।
समिति के प्रशासक को कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बैंक का रुपया डूबता जा रहा है। अब सहकारिता उपायुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है।
-अजय सिंघई, सीईओ सहकारी बैंक टीकमगढ़
कार्रवाई के दिए निर्देश
बैंक की शिकायत पर प्रशासक एवं सहकारिता निरीक्षक केके गुप्ता को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। गबन की राशि के साथ ही किसानों वसूल की गई राशि को बैंक में जमा कराने एवं कार्रवाई करने को कहा गया है।
-एसपी कौशिक, उपायुक्त सहकारिता