११० नल जल योजनाएं शुरू, गांव सडक़ें की सडक़ें हुई कीचड़ में तब्दील और खेत हो रहे खराब
टीकमगढ़Published: Oct 18, 2023 07:32:03 pm
जिले में ११० नलजल योजनाएं शुरू होते ही पानी की बर्बादी होने लगी है। जबकि प्रशासन द्वारा पानी संरक्षण के लिए गांव में ही समितियों का गठन किया गया है और जागरूकता के लिए एनजीओ को जिम्मेदारी दी गई है। उसके बाद भी पानी की बर्बादी को नहीं रोका जा रहा है।


Committees formed for water conservation are void, water is being wasted due to lack of awareness.
टीकमगढ़. जिले में ११० नलजल योजनाएं शुरू होते ही पानी की बर्बादी होने लगी है। जबकि प्रशासन द्वारा पानी संरक्षण के लिए गांव में ही समितियों का गठन किया गया है और जागरूकता के लिए एनजीओ को जिम्मेदारी दी गई है। उसके बाद भी पानी की बर्बादी को नहीं रोका जा रहा है। इस लापरवाही से गांव की सडक़ों पर कीचड़ और खेतों की मिट्टी खराब हो रही है।
पानी विहीन ग्राम पंचायतों के लिए जिला प्रशासन द्वारा २४६ एक बार और २४० दूसरी बार नलजल योजना को स्वीकृत किया गया था। २४६ में २२६ की बोर सफल हो गए और २० में पानी नहीं निकला। उसके बाद २४० का कार्य किया जा रहा है। ४८६ योजनाओं में से ११० नलजल योजनाओं को चालू कर दिया है। कुछ का ७५ फीसदी, ५० फीसदी और २५ फीसदी कार्य हो गया है। उनका कार्य चुनाव के बाद पूर्ण हो जाएगा और गांव की जनता को योजना सौंपी जाएगी। जो योजनाएं चालू हो गई है। उन योजनाओं का पानी बर्बाद हो रहा है। जो गांव के लिए समस्या पैदा कर रहा है।
पानी संरक्षण के लिए गांव स्तर पर बनाई गई थी समितियां
नल जल योजनाएं शुरू होते ही गांव स्तर पर जल समितियों का गठन किया गया था। उनके द्वारा प्रत्येक नल कनेक्शन धारियों को पेयजल के प्रति जागरूक करने और पानी को बर्बाद न करने की जिम्मेदारी दी थी। यही कार्य एनजीओ को भी दिया गया था। लेकिन दोनों जिम्मेदारों ने इस महत्वपूर्ण कार्य को प्राथमिकता से नहीं किया। जिसके कारण पेयजल बर्बाद हो रहा है।