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टीकमगढ़

बीमारी का हर्जा-खर्चा देने में बीमा कंपनी ने बताएं नियम तो न्यायालय ने दिखाया आईना

लोगों को प्रलोभन देकर उनका स्वास्थ्य बीमा करने एवं बाद में क्लेम के समय उपभोक्ताओं को नियमों के फेर में उलझाने वाली कंपनी को न्यायालय ने आईना दिखाया है।

टीकमगढ़Jan 31, 2019 / 09:25 pm

anil rawat

Consumer Forum Decision

Consumer Forum Decision

टीकमगढ़. लोगों को प्रलोभन देकर उनका स्वास्थ्य बीमा करने एवं बाद में क्लेम के समय उपभोक्ताओं को नियमों के फेर में उलझाने वाली कंपनी को, बीमारी का हर्जा-खर्चा देने का आदेश दिया गया है। उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को पॉलसी धारक की बीमारी खर्च हुई राशि के साथ ही उसे मानसिक क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय की राशि भी देने के निर्देश दिए है।
मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता संदीप कुमार रिछारिया ने बताया कि अस्पताल कॉलोनी निवासी आशीष आग्नेय ने स्टार हेल्थ एण्ड एलाईड इंश्योरेंस कंपनी से अपना स्वास्थ्य बीमा कराया गया था। बीमा कराने के लगभग दो वर्ष बाद उनके बीमार होने पर 18 जनवरी 18 को उन्होंने बीमा कंपनी के अधिकृत भोपाल के एक प्रायवेट हॉस्पिटल में अपना उपचार कराया। इसकी सूचना भी उन्होंने बीमा कंपनी को दी और बीमा कंपनी के सर्वेयर ने आकर उन्हें देखा और ईलाज का पूरा पैसा बीमा क्लेम के द्वारा मिलने का आश्वासन दिया। लेकिन इसके बाद बीमा कंपनी ने नियमों का हवाला देते हुए बीमारी में खर्च हुई राशि को देने से इंकार कर दिया। बीमा कंपनी के रवैए से परेशान आशीष आग्नेय ने उपभोक्ता फोरम की शरण ली। उन्होंने बीमा कंपनी से 56800 रूपए का क्लेम दिलाने की मांग उपभोक्ता फोरम से की। इस मामले में उपभोक्ता फोरम नें दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आशीष आग्नेय के उपचार पर खर्च हुए 9800 रूपए की पूरी राशि बीमा क्लेम दिनांक 20 फरवरी 2018 से 7 प्रतिशत ब्याज के साथ उपभोक्ता को देने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही फोरम ने कंपनी को सेवा में पॉलसी धारक को हुई मानसिक क्षति के लिए 5 हजार एवं वाद व्यय के 1 हजार रूपए पृथक से देने के निर्देश दिए है। फोर में अध्यक्ष श्रीराम दिनकर एवं सदस्य हरिहर यादव एवं प्रीति परमार ने यह निर्णय दिया है।

मारपीट के आरोपी को 6 माह का कारावास-
लगभग 5 वर्ष पूर्व हुई एक मारपीट की घटना में गुरूवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया है। न्यायालय ने आरोपी को 6 माह का सश्रम कारावास और 600 रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। आरोपी द्वारा जमीन के विवाद पर मारपीट की गई थी।
मामले की जानकारी देते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी बृजेश कुमार असाटी ने बताया कि खरगापुर थाने के ग्राम गोरा खिकर निवासी जुगल के साथ आरोपी हरजुआ ढीमर ने मारपीट कर दी थी। बृजेश कुमार ने बताया कि 5 जुलाई 2013 को जुगल कहीं निमंत्रण में गया था। जब वह लौट कर आया तो आरोपी हरजुआ उससे जमीन की हिस्सेदारी को लेकर विवाद करने लगा। विवाद के बाद हरजुआ ने लाठी उठाकर जुगल की मारपीट कर दी। इस घटना में जुगल को कई चोटें आई। पीडि़त जुगल ने इसकी शिकायत खरगापुर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने जुगल की शिकायत पर आरोपी हरजुआ के खिलाफ धारा 323 एवं 325 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इसके बाद यह मामला न्यायालय के सुपुर्द किया गया था। मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी हरजुआ को धारा 325 में 6 माह के सश्रम कारावास एवं 300 रूपए अर्थदण्ड एवं धारा 323 में 3 माह की सजा एवं 300 रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

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