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कोरोना उपचार: 23 दिनों में लग गई दस गुना ऑक्सीजन

locationटीकमगढ़Published: Jul 25, 2020 12:28:11 pm

Submitted by:

anil rawat

संक्रमित मरीजों के उपचार में सबसे ज्यादा उपयोग हो रही ऑक्सीजन

Corona treatment

Corona treatment

टीकमगढ़. प्रकृति से मुफ्त में मिलने वाले ऑक्सीजन का भले ही हम लोगों के लिए कोई मोल न हो, लेकिन यही ऑक्सीजन कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार का सबसे मजबूत अस्त्र बनी हुई है। आलम यह है कि कोरोना मरीजों के उपचार में सबसे ज्यादा उपयोग ऑक्सीजन का किया जा रहा है। आम दिनों की तुलना में अस्पताल में जुलाई के माह में दस गुना ऑक्सीजन का उपयोग हुआ है।


कोरोना से संक्रमित मरीजों को स्टेवल करने के लिए मुख्य रूप से ऑक्सीजन का उपयोग किया जा रहा है। गंभीर संक्रमित मरीजों के लिए अस्पताल में सबसे ज्यादा उपयोग ऑक्सीजन का किया जा रहा है। इसके लिए ही प्रशासन ने जिला अस्पताल में दो नई हाइफ्लो नोजल ऑक्सीजन मशीन मंगाई है। वहीं अस्पताल में 25 नए ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था भी की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को स्टेवल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की पड़ती है। इसके बाद दवाओं का उपयोग किया जाता है।

 

दस गुना ऑक्सीजन का हुआ उपयोग
जिला अस्पताल प्रबंधन की माने तो आम दिनों में जिला अस्पताल में हर माह 10 से 15 सिलेण्डर का उपयोग होता था। लेकिन कोरोना मरीजों के आने के बाद से इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है। स्टोर इंचार्ज पीएन साहू की माने तो जून माह में जहां 90 सिलेण्डर का उपयोग हुआ था वहीं जुलाई के 23 दिनों में लगभग 160 सिलेण्डर उपयोग हो चुके है। विदित हो कि जुलाई माह में जिले में लगभग ढाई सौ मरीज सामने आए है।


डाली गई अतिरिक्त लाइन
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में अलग से ऑक्सीजन की नई सेंट्रल लाइन डाली गई है। इसके साथ ही वर्तमान में अस्पताल में सबसे ज्यादा डी टाइप सिलेण्डर मंगाए जा रहे है। इस सिलेण्डर में लगभग 5 किलो ऑक्सीजन आती है। आम दिनों में बी टाइप सिलेण्डर भी आते थे, इसमें 500 ग्राम ऑक्टसीजन होती है।

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