मामले की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक पंकज द्विवेदी ने बताया कि सिमरा थाने के ग्राम दिग्वारकलां में आरोपी पुष्पेन्द्र पुत्र सरमन उर्फ घनश्याम 21 वर्ष ने गांव की एक 10 वर्ष की मासूम के साथ बलात्कार किया था। मासूम जब अपने खेत पर शौच के लिए गई हुई थी, उसी समय आरोपी पुष्पेन्द्र ने इस घटना को अंजाम दिया था। मासूम की शिकायत पर सिमरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 एवं 5/6 पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इसके बाद यह मामला न्यायालय में पेश किया गया था।
माता-पिता गए थे बाहर: यह घटना उस समय की थी, जब मासूम के माता-पिता किसी जरूरी काम से अपनी रिश्तेदारी में गए हुए थे। उस समय उसके बच्चे घर में अकेले थे। शाम के समय जब उसकी पुत्री शौच के लिए कुएं पर गई तो वहीं पर आरोपी पुष्पेन्द्र ने उसे अकेला पाकर उसे पकड़ लिया। वह मासूम को खींच कर उसके खेत में ले गया और वहां पर दुष्कर्म किया। यह घटना खेत पर किसी ने देख ली और उसने फोन पर इसकी सूचना मासूम के पिता को दी। मासूम के साथ घटित इस घटना की जानकारी होते ही वह भागे-भागे घर पहुंचे और पुत्री से पूरी घटना की जानकारी ली। मासूम के साथ घटित इस घटना से आहत परिजनों ने इसकी शिकायत सिमरा थाने में की।
यह सुनाया फैसला: मासूम के साथ इस घृणित कृत्य को देखते हुए न्यायालय ने भी इस मामले में सख्त फैसला सुनाया हैं। उन्होंने आरोपी पुष्पेन्द्र को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1 लाख रुपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया हैं। मासूम के साथ हुई इस घटना को देखते हुए न्यायाधीश ने आरोपी से बसूले जाने वाले 1 लाख रुपए जुर्माने की राशि को पीडि़ता को क्षतिपूर्ति के रूम में देने के भी निर्देश दिए हैं।