सड़कों पर घूम रहे गोवंश को आशियाना देने के लिए कांग्रेस ने इस घोषणा को अपने वचन पत्र में शामिल किया था। कमलनाथ की सरकार बनने के साथ ही प्रदेश में 1 हजार गोशालाएं खोलने का आदेश दिया गया था। योजना के प्रथम चरण में जिले में भी 30 गोशालाओं की स्वीकृति दी गई थी। वहीं सरकार ने इसके लिए फंड भी जारी कर दिया था। इस योजना में सबसे पहली गोशाला टेहरका की बनकर तैयार हो गई है। योजना के तहत बनाई गई यह प्रदेश की पहली गोशाला है।
सरकार ने दी बधाई: इस योजना को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने 30 नवम्बर की तारीख तय की थी। वहीं कुछ जगहों पर इसके लिए समयवृद्धि की मांग को देखते हुए सरकार ने 15 दिसम्बर डेड लाइन दी हैं। लेकिन टेहरका की गोशाला लगभग दो माह पूर्व ही बन कर तैयार हो गई है। इस गोशाला में एक हजार गायों को रखा जाएगा। समय से पूर्व गोशाला का निर्माण होने पर विभाग की बीसी में पशुपालन मंत्री एवं विभाग की सीएस ने विटनरी विभाग की तारीफ की हैं।
मांची में अभी शुरू हुआ काम: वहीं जिले में गोशाला निर्माण में सबसे खराब स्थिति जतारा जनपद की ग्राम पंचायत मांची की हैं। यहां पर दो दिन पूर्व ही काम शुरू हुआ हैं। पंचायत अभी यहां पर केवल गड्ढे ही करा सकी है। इसके लिए पंचायत की लापरवाही बताई जा रही हैं। विदित हो कि प्रशासन द्वारा मांची की गोशाला स्वीकृत करने के साथ ही यहां पर जमीन आवंटित कर उससे अतिक्रमण हटा दिया था। लेकिन इसके बाद भी काम अभी शुरू हो सका हैं। वहीं जनपद की लार में जहां पिलर खड़े हुए हैं, वहीं कुम्हैड़ी एवं बम्हौरी खास में भी 40 से 50 प्रतिशत काम होना बताया जा रहा हैं। इसके साथ ही पलेरा की गोशालाओं में भी धीमी गति से काम किया जा रहा हैं।
कहते हैं अधिकारी: लगभग 15 गोशालाओं का काम पूर्णत: की ओर हैं। शेष गोशालाओं का निर्माण भी समय से पूरा हो जाएगा। 15 दिसम्बर के पूर्व सभी गोशालाओं का निर्माण पूर्ण कराने का प्रयास किया जा रहा हैं। जल्द ही टेहरका गोशाला में गौवंश भेजकर उसे विधिवत शुरू कराया जाएगा।- वीके पटेल, उप संचालक, पशु चिकित्सा विभाग, टीकमगढ़।