पिछले कुछ समय से जिले में लगातार डेंगू के केस बढ़ते जा रहे हैं। पिछले तीन सालों से जिले में डेंगू लगातार खतरा बनता जा रहा है। इसके बाद भी नगरीय क्षेत्र में जल भराव को कम करने के लिए नगरीय निकाय में बैठे जिम्मेदार कोई प्रयास करते नहीं दिखाई दे रहे हैं। टीकमगढ़ नगर पालिका सहित अन्य नगरीय निकाय में खाली पड़े प्लॉटों पर जमा होने वाले पानी से मच्छर पनप रहे हैं और लोग डेंगू की चपेट में आ रहे है। वर्तमान में डेंगू के सबसे अधिक मरीज टीकमगढ़ शहर में बने हुए है।
जानलेवा हो रहा डेंगू बताया गया कि बड़ागांव धसान में डेंगू से एक मिहला की मौत हो चुकी है। वहीं एक माह पूर्व खरगापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में भी डेंगू से एक मौत हो गई थी। बड़ागांव में मौत के बाद जहां नगर परिषद और मलेरिया विभाग द्वारा मोहल्लों में दवा छिड़काव के साथ फॉङ्क्षगग की गई थी तो खरगापुर थाना क्षेत्र के गांव में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंच कर जागरूकता अभियान चलाया था।
यह बने रेड जोन नगर पालिका के वार्ड नंबर ११, १७, २०, २२, २४ और वार्ड २५ से डेंगू के सबसे अधिक मरीज बताए गए हैं। ऐसे में मलेरिया विभाग ने इन वाडो को रेड जोन घोषित किया है। यहां पर अमला हर घर में लार्वा की जांच कर रहा है। बताया जा रहा है कि इन वार्ड में सबसे अधिक गंदगी होने के कारण यह परेशानी सामने आ रही है। यहां पर मच्छरों को खत्म करने के लिए दवा छिड़काव के साथ ही अन्य प्रयास किए जा रहे है।
इनका कहना डेंगू के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। सबसे अधिक पॉजिटिव केस टीकमगढ़ शहर से सामने आ रहे हैं। ऐसे में यहां के छह वार्ड को रेड जोन घोषित किया गया है। नगर पालिका को फॉङ्क्षगग मशीनें चलवाने के लिए पत्र भी लिखा है।
हरिमोहन रावत, जिला मलेरिया अधिकारी टीकमगढ़।